गो एयरलाइंस के लिए मांगी गई अभिरुचि की अभिव्यक्ति, क्या वाडिया ग्रुप इसके लिए बोली लगाएगा?

Bhaskar Hindi
Update: 2023-07-11 12:32 GMT

डिजिटल डेस्क, चेन्नई। गो एयरलाइंस (इंडिया) लिमिटेड के रेजोल्यूशन प्रोफेशनल शैलेंद्र अजमेरा ने निजी एयरलाइंस के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) मांगा है। वाडिया समूह से संबंधित 4,183 करोड़ रुपये (वित्त वर्ष 2022 के लिए) राजस्व वाली एयरलाइन में लगभग 4,200 कर्मचारी हैं। ईओआई प्राप्त करने की अंतिम तिथि 9 अगस्त, 2023 है और संभावित समाधान आवेदकों की अनंतिम सूची 19 अगस्त, 2023 को प्रकाशित की जाएगी। संभावित समाधान आवेदकों की अनंतिम सूची के खिलाफ आपत्तियां जमा करने की अंतिम तिथि 24 अगस्त 2023 निर्धारित की गई है।

गो एयरलाइंस के शीर्ष अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया था कि वाडिया समूह एयरलाइन कारोबार जारी रखने में रुचि रखता है। वाडिया समूह ने मई 2023 में अपने पट्टे पर लिए गए विमानों को दोबारा कब्ज़ा होने से बचाने के लिए स्वेच्छा से राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) से संपर्क किया था।

एनसीएलटी में उतरने से पहले प्रतिद्वंद्वी बोलियों के खिलाफ प्रमोटरों द्वारा गो एयरलाइंस के आसपास बनाए गए फ़ायरवॉल के बारे में पूछे जाने पर तत्कालीन मुख्य कार्यकारी अधिकारी कौशिक खोना ने एक साक्षात्कार में आईएएनएस को बताया था : "एनसीएलटी और आईबीसी (दिवाला और दिवालियापन संहिता) की प्रक्रिया होगी। आवेदन स्वीकृत होने के बाद इसका पालन किया जाता है। प्रश्‍न (अधिग्रहण बोलियां) का समाधान किया जाना काल्पनिक है।"

खोना ने कहा था कि एयरलाइन प्रमोटर - वाडिया समूह - व्यवसाय में रुचि रखते हैं और एनसीएलटी से संपर्क करने का उद्देश्य विमान को अपने पास रखना है, क्योंकि पट्टे देने वाले उन्हें वापस लेने की कार्रवाई कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि एनसीएलटी से संपर्क करते समय प्रमोटरों द्वारा एयरलाइन के लिए दोबारा बोली लगाने के बारे में नहीं सोचा गया था। दिवाला याचिका ऋण माफ़ी पाने का कोई बहाना नहीं है। खोना ने कहा, "हमने बैंकों से हेयरकट (कर्ज का एक हिस्सा माफ करने) के लिए नहीं कहा है।"

रिपोर्टों के अनुसार, एयरलाइन पर कुल देनदारी - बैंकों, अन्य लेनदारों, विक्रेताओं आदि का बकाया - लगभग 11,463 करोड़ रुपये है। केंद्र सरकार के स्वामित्व वाले सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने कहा कि 31 मार्च, 2023 तक गो एयरलाइंस पर उसका बकाया एक्सपोजर 1,305 करोड़ रुपये था और भारत सरकार द्वारा गारंटीकृत आपातकालीन क्रेडिट लाइन के तहत 682 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि स्वीकृत की गई थी।एयरलाइन ने विमान पट्टेदारों और अन्य को बकाया भुगतान में चूक की है, लेकिन बैंकों को नहीं और खाते को बैंकरों द्वारा गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया है।

अपने ए320नियो बेड़े का लगभग 50 प्रतिशत खड़ा होने के साथ देश की तीसरी सबसे बड़ी एयरलाइन ने आईबीसी की धारा 10 के तहत समाधान के लिए एनसीएलटी से संपर्क किया है। एयरलाइन ने कहा था कि उसने एनसीएलटी से संपर्क किया है... प्रैट एंड व्हिटनी के इंटरनेशनल एयरो इंजन्स, एलएलसी द्वारा आपूर्ति किए गए खराब इंजनों की लगातार बढ़ती संख्या के कारण, जिसके परिणामस्वरूप गो फर्स्ट (एयरलाइन ब्रांड) को 1 मई, 2023 तक 25 विमान खड़े करने पड़े हैं।

--आईएएनएस

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