योजना: एकेआई इंडिया इक्विटी शेयर और वारंट जारी कर जुटाएगी 80 करोड़ रुपये

कंपनी इक्विटी शेयर और वारंट जारी करके 80 करोड़ रुपये जुटाएगी

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-25 17:28 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कानपुर स्थित लेदर का सामान बनाने वाली कंपनी एकेआई इंडिया लिमिटेड ने बुधवार को घोषणा की कि वह इक्विटी शेयर और वारंट जारी करके 80 करोड़ रुपये जुटाएगी। वह नॉन-प्रमोटर कैटेगिरी से संबंधित व्यक्तियों और संस्थाओं को अधिमान्य आवंटन के माध्यम से इक्विटी शेयर जारी करके 40 करोड़ रुपये जुटाएगा। प्रमोटर और प्रमोटर ग्रुप के साथ-साथ नॉन-प्रमोटर कैटेगिरी से संबंधित व्यक्तियों और संस्थाओं को फिर से अधिमान्य आवंटन के माध्यम से, परिवर्तनीय वारंट जारी करके अन्य 40 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे। इसने अपनी अधिकृत शेयर पूंजी को 25 करोड़ रुपये तक बढ़ाने का भी फैसला किया है।

जिन निवेशकों को इक्विटी शेयर जारी किए जाएंगे, उनमें बीएनपी पारिबा आर्बिट्रेज ओडीआई, एनएवी कैपिटल वीसीसी और एजिस इन्वेस्टमेंट फंड पीसीसी शामिल हैं, जो शेयरधारकों और अन्य संबंधित अधिकारियों के अप्रूवल के अधीन है।

एकेआई इंडिया ने हाल ही में यूके स्थित एनपीएस शूज लिमिटेड के साथ ज्वाइंट वेंचर (जेवी) में प्रवेश किया है, जो 140 साल पुरानी फुटवियर कंपनी है जिसका हेडक्वार्टर नॉर्थम्पटनशायर में है। जेवी के फोकस एरिया में पारस्परिक फायदे के लिए भारत और विदेशों में लेदर शूज के निर्माण, व्यापार और निर्यात में सहयोग शामिल है। एनपीएस के पास लेदर शूज की प्रसिद्ध सोलोवायर रेंज है, जिसे वह इस ज्वाइंट वेंचर के जरिए भारत में पेश करने का इरादा रखता है।

ज्वाइंट वेंचर में एकेआई इंडिया की 25 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी, जबकि एनपीएस की 75 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। जरुरी कॉर्पोरेट और बिजनेस डेवलपमेंट्स पर कमेंट करते हुए, एकेआई इंडिया लिमिटेड के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी असद कमाल इराकी ने कहा, ''कंपनी एक निर्णायक मोड़ पर है और ताजा फंड जुटाने से कंपनी एक नए स्तर पर पहुंच जाएगी। वैल्यू क्रिएशन की जर्नी में फोकस से ही नए रास्ते खुलेंगे।

एनपीएस शूज के साथ हमारी पार्टनरशिप पिछले दो दशकों की हमारी यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत कंज्यूमर लाइफस्टाइल इकोनॉमी के रूप में विकसित हो रहा है।''"हमारा लक्ष्य एनपीएस के साथ अपने जेवी के माध्यम से लेदर शूज ब्रांडों में से एक सोलोविअर को भारत में लाना है। इसके अलावा, यह कोलैबोरेशन हमें सीखने, इनोवेट करने, विनिर्माण क्षेत्र में बढ़ने और नए बाजारों का एक साथ दोहन करने में सक्षम बनाएगा।

इस पहल के साथ हम एकेआई की महत्वाकांक्षाओं को अगले स्तर पर ले जाने के लिए उत्साहित हैं।" 1881 में, यूके के वोलास्टन गांव में रहने वाले पांच लोगों ने मिलकर नॉर्थम्प्टनशायर प्रोडक्टिव सोसाइटी (एनपीएस) नामक एक सहकारी संस्था बनाई। यह एक ऐसी कंपनी है, जिसका स्वामित्व और संचालन उसमें काम करने वाले लोगों द्वारा किया जाता है। तब से, एनपीएस शूज ट्रेडिशनल क्राफ्टमैनशिप और टूलिंग को लेटेस्ट टेक्नोलॉजी और मटेरियल के साथ जोड़कर क्वालिटी से भरपूर शूज बना रहा है। सोलोवायर जैसे एनपीएस ब्रांड दुनिया के सबसे ज्यादा डिमांड वाले हैंडमेड शू ब्रांड बन गए हैं।

एनपीएस शूज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक क्रिश्चियन कैसल ने कहा, ''हम एकेआई इंडिया के साथ नई संभावनाएं तलाशने को लेकर रोमांचित हैं। भारतीय बाजार में तेजी आने के साथ, हाई-क्वालिटी लाइफस्टाइल प्रोडक्ट्स की मांग तेज हो रही है। हम भारत में अपने प्रमुख ब्रांड सोलोवियार का गर्व से स्वागत करते हैं। साथ ही हम आपसी शक्तियों का दोहन करने और विश्व स्तर पर अपनी उपस्थिति के बाजारों का विस्तार करने के लिए एकेआई के साथ सहयोग करके खुश हैं।''

नई कंपनी के मेमोरेंडम और एसोसिएशन के आर्टिकल्स के सब्सक्राइबर्स एनपीएस शूज लिमिटेड अपने दो नामांकित व्यक्तियों और एकेआई इंडिया के साथ समान संख्या में होंगे। न तो एनपीएस और न ही एकेआई आवंटन की तारीख के पांच साल के भीतर नई कंपनी द्वारा आवंटित शेयरों को ट्रांसफर करेगा। बीएसई और एनएसई पर सूचीबद्ध, एकेआई इंडिया लिमिटेड की स्थापना 1994 में इक्वेस्ट्रायन स्पोर्ट्स के लिए लेदर सैडलर और हार्नेस प्रोडक्ट्स के डिजाइन और निर्माण के लिए जर्मनी के हॉर्स-राइडिंग ग्रुप की टेक्नोलॉजी असिस्टेंस से की गई थी।

पिछले कुछ सालों में, कंपनी ने लेदर शूज, बैग, बेल्ट और फिनिश्ड लेदर को शामिल करने के लिए अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो का विस्तार किया है। कंपनी भारत, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात और दक्षिण अफ्रीका में अपने प्रोडक्ट्स बेचती है। इसने वित्त वर्ष 2023 के दौरान 55 करोड़ रुपये का कारोबार किया, जिसमें 1.08 करोड़ रुपये का लाभ हुआ।30 जून तक, वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही के लिए कंपनी का राजस्व 14.40 करोड़ रुपये था, जबकि पीएटी 0.32 करोड़ रुपये था।

--आईएएनएस

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