निंदा: अडाणी समूह ने उसकी वैश्विक प्रतिष्ठा धूमिल करने के लिए फाइनेंशियल टाइम्स के 'दुर्भावनापूर्ण' अभियान की निंदा की
निराधार आरोपों को फिर से दोहराने का एक नया प्रयास
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अडाणी समूह ने सोमवार को कहा कि 'फाइनेंशियल टाइम्स' और उसके सहयोगी समाचाार पत्रों द्वारा अडाणी समूह के नाम और प्रतिष्ठा को खराब करने के लिए पुराने तथा निराधार आरोपों को फिर से दोहराने का एक नया प्रयास किया जा रहा है। यह जनहित की आड़ में निहित स्वार्थों को आगे बढ़ाने के उनके विस्तारित अभियान का हिस्सा है। समूह ने एक बयान जारी कर कहा कि अपने अथक अभियान को जारी रखने के क्रम में अगला हमला फाइनेंशियल टाइम्स (एफटी) के डैन मैक्रम द्वारा किया जा रहा है, जिन्होंने ओसीसीआरपी के साथ मिलकर 31 अगस्त को अडाणी समूह के खिलाफ झूठी कहानी पेश की थी।
बयान में कहा गया है कि ओसीसीआरपी को जॉर्ज सोरोस द्वारा वित्त पोषित किया जाता है, जिन्होंने खुले तौर पर अदाणी समूह के खिलाफ अपनी शत्रुता की घोषणा की है। पहले विफल होने के बाद, एफटी कोयला आयात के अधिक बिलिंग के पुराने, निराधार आरोप को उछालकर अडाणी समूह को वित्तीय रूप से अस्थिर करने का एक और प्रयास कर रहा है।
एफटी की प्रस्तावित कहानी डीआरआई के 30 मार्च 2016 के जनरल अलर्ट सर्कुलर नंबर 11/2016/सीआई पर आधारित है। एफटी का बेशर्म एजेंडा इस तथ्य से उजागर होता है कि उन्होंने अडाणी समूह को निशाना बनाया है, जबकि खबर जिस डीआरआई सर्कुलर पर आधारित थी। उसमें अडाणी समूह की कंपनियों सहित 40 से अधिक आयातकों का उल्लेख है। अडाणी समूह ने कहा है कि इस सूची में न केवल भारत के कुछ प्रमुख निजी बिजली उत्पादक जैसे रिलायंस इंफ्रा, जेएसडब्ल्यूस्टील्स और एस्सार शामिल हैं, बल्कि कर्नाटक, गुजरात, हरियाणा, तमिलनाडु आदि की राज्य बिजली उत्पादक कंपनियां और एनटीपीसी तथा एमएसटीसी भी शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि जनरल अलर्ट सर्कुलर में उल्लिखित 40 आयातकों में से एक, नॉलेज इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में कोयले के आयात में अधिक मूल्यांकन का आरोप लगाने वाले डीआरआई के कारण बताओ नोटिस को अपीलीय न्यायाधिकरण (सीईएसटीएटी) द्वारा रद्द कर दिया गया था। इसके अलावा, डीआरआई की अपील को सुप्रीम कोर्ट ने 24 जनवरी 2023 को इस टिप्पणी के साथ वापस ले लिया गया मानते हुये खारिज कर दिया कि "हम व्यर्थ मुकदमेबाजी में न पड़ने के सरकार के रुख की सराहना करते हैं"। अडाणी समूह ने कहा, स्पष्ट रूप से, कोयले के आयात में अधिक मूल्यांकन का मुद्दा भारत की सर्वोच्च अदालत द्वारा निर्णायक रूप से सुलझाया गया था।
बयान में कहा गया है कि एफटी की प्रस्तावित खबर एक पूर्व निर्धारित निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए न्यायिक निर्णयों के जानबूझकर और शरारती दमन के साथ सार्वजनिक रूप से उपलब्ध तथ्यों और सूचनाओं का एक चतुर पुनर्चक्रण और चयनात्मक गलत बयानी है। यह भारत की नियामक और न्यायिक प्रक्रियाओं और अधिकारियों के सम्मान की कमी को दर्शाता है। इसमें इस तथ्य को भी जानबूझकर नजरअंदाज किया गया है कि भारत में दीर्घकालिक आपूर्ति के आधार पर कोयले की खरीद एक खुली, पारदर्शी, वैश्विक बोली प्रक्रिया के माध्यम से की जाती है, जिससे मूल्य में हेरफेर की कोई भी संभावना खत्म हो जाती है।
बयान में कहा गया है कि केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (सीईआरसी) द्वारा टैरिफ निर्धारण एक खुली, पारदर्शी, स्वतंत्र प्रक्रिया है जहां सभी वेरिएबल्स का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करने और बिजली जनरेटर, वितरक और खुदरा उपभोक्ताओं के साथ परामर्श के बाद दरें तय की जाती हैं। अडाणी समूह ने कहा कि स्पष्ट रूप से कई हितधारकों के पास कोयले के आयात मूल्य सहित टैरिफ निर्धारित करने वाले सभी पहलुओं को देखने के लिए कई अवसर हैं। इसलिए अधिक चालान या कीमत में हेराफेरी का सवाल ही नहीं उठता।
बयान में कहा गया है, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विदेशी मीडिया, शॉर्ट-सेलर्स और घरेलू सहयोगियों के एक वर्ग द्वारा समर्थित ओसीसीआरपी जैसी कुछ विदेशी संस्थाओं ने इसके बाजार मूल्य को कम करने के प्राथमिक इरादे से अडाणी समूह के खिलाफ हमलों की एक श्रृंखला शुरू की है। ''वास्तव में, इन व्यक्तियों और समूहों ने, अडाणी समूह को नुकसान पहुंचाने के सामान्य उद्देश्य से बंधा हुआ एक प्लेबुक विकसित किया है, जिसे भारत और विदेश दोनों में समन्वय से काम करने वाली एक अच्छी तरह से पेशेवर मशीनरी द्वारा पूर्णता के साथ क्रियान्वित किया जा रहा है।"
इसमें कहा गया है कि यह महज संयोग नहीं है कि ऐसी खबरें भारत की अदालतों में महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई की तारीखों से ठीक पहले सामने आती हैं। अडाणी समूह ने कहा, “हालांकि हम ऐसे सभी आरोपों से इनकार करते हैं, जो झूठे और निराधार हैं, हम अडानी समूह को अस्थिर करने के ऐसे जानबूझकर और प्रेरित प्रयासों की निंदा भी करते हैं। हम एक कानून का पालन करने वाली कंपनी हैं जो कानून के शासन का पूरा सम्मान करते हुए सभी नियमों, विनियमों और प्रकटीकरण आवश्यकताओं का पूरी तरह से अनुपालन करते है।"
--आईएएनएस
अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|