पेटीएम भुगतान: वित्तवर्ष 24 की दूसरी तिमाही में पेटीएम पर 912 करोड़ व्यावसायिक लेनदेन हुआ, दिल्ली में ज्यादातर भुगतान रात 12 से 6 बजे के बीच होता है
पेटीएम ने प्रदाता ऐप का उपयोग करके 912 करोड़ का भारी भुगतान किया गया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (ओसीएल), जो पेटीएम का मालिक है, ने बुधवार को कहा कि वित्तवर्ष 24 की दूसरी तिमाही में अग्रणी वित्तीय और भुगतान प्रदाता ऐप का उपयोग करके 912 करोड़ का भारी भुगतान किया गया। 'पेटीएम रिकैप 2023' रिपोर्ट के अनुसार, जब रात 12 बजे से सुबह 6 बजे के बीच सबसे ज्यादा भुगतान किए जाने की बात आती है, तो दिल्ली ने इस मामले में हैदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई और गोवा जैसे शहरों को पीछे छोड़ दिया है।
रीकैप भुगतान में नेतृत्व और अपने ऐप पर अविश्वसनीय उपयोगकर्ता जुड़ाव का एक साल का ब्योरा प्रदर्शित करता है। पेटीएम के एक प्रवक्ता ने कहा, "भारत में क्यूआर कोड, साउंडबॉक्स और मोबाइल भुगतान के अग्रणी ऐप के रूप में हम उपभोक्ताओं और व्यापारियों दोनों के बीच बढ़ती स्वीकार्यता के साथ पेटीएम की व्यापक स्वीकार्यता देख रहे हैं।"
उन्होंने कहा, “2023 में हमने नए मील के पत्थर हासिल किए और भुगतान में अपने नेतृत्व को और मजबूत किया। हम भारत की छोटी दुकानों के लिए प्रौद्योगिकी का नेतृत्व करना जारी रखेंगे और भारत में वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।“ यदि इस वर्ष उपयोग किए गए सभी पेटीएम क्यूआर कोड को एक साथ रखा जाए, तो यह 40 कुतुब मीनार से भी अधिक लंबा होगा।
कंपनी के अनुसार, पेटीएम पर 179 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के 55 लाख से अधिक चालान का भुगतान किया गया, जिससे उपयोगकर्ता सुविधाजनक तरीके से बकाया राशि का निपटान कर सके। सितंबर 2023 को समाप्त तिमाही में 92 लाख से अधिक पेटीएम जैसे साउंडबॉक्स, कार्ड मशीन आदि उपकरणों के साथ पेटीएम ने इन-स्टोर भुगतान में अपना नेतृत्व मजबूत करना जारी रखा है।
पेटीएम क्यूआर कोड-आधारित भुगतान और साउंडबॉक्स डिवाइस के साथ तत्काल ऑडियो पुष्टिकरण लॉन्च करने वाला पहला था। इस साल कंपनी ने व्यापारियों के लिए तीन नए पेटीएम साउंडबॉक्स डिवाइस लॉन्च किए - पॉकेट साउंडबॉक्स, म्यूजिक साउंडबॉक्स और कार्ड साउंडबॉक्स।
कंपनी ने कहा, "एक दिलचस्प अवलोकन यह है कि शनिवार को सबसे अधिक भुगतान किए गए हैं, जिससे यह डिजिटल लेनदेन के लिए सप्ताह का सबसे व्यस्त दिन बन गया है।" हिमाचल प्रदेश के धरवास और मेघालय के लैटमावसियांग जैसी जगहों के यूजर्स ने 'पेटीएम करो' को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बना लिया है।
--आईएएनएस
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