यूनिसेफ पर नहीं हुआ पाकिस्तान के खत का असर, प्रियंका के सपोर्ट में कही ये बात
यूनिसेफ पर नहीं हुआ पाकिस्तान के खत का असर, प्रियंका के सपोर्ट में कही ये बात
डिजिटल डेस्क, मुम्बई। यूनिसेफ की गुडविल एंबेसडर प्रियंका चोपड़ा इन दिनों विवादों का सामना कर रही हैं। वे भारत पाकिस्तान को लेकर चर्चा का विषय बनीं हुई हैं। हालही में पाकिस्तान ने UNICEF से प्रियंका चोपड़ा को यूएन की गुडविल एंबेसडर फॉर पीस के पद से हटाने की मांग की है। इसके बाद कई बॉलीवुड एक्ट्रर्स ने प्रियंका का सपोर्ट किया है और प्रियंका को भारत का सही प्रतिनिधित्वकर्ता बताया। इसके बावजूद मामला थमता नजर नहीं आ रहा था। मामले को बढ़ता देख यूनिसेफ प्रवक्ता ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय रखी।
UNICEF के प्रवक्ता Stephane Dujarric ने कहा कि ""जब यूनिसेफ के गुडविल एंबेसडर्स अपनी व्यक्तिगत क्षमता में बोलते हैं, तो वे उन मुद्दों के बारे में बोलने का अधिकार रखते हैं, जो उनकी रुचि और चिंता से जुड़े होते हैं। उनके निजी विचार और एक्शन यूनिसेफ को प्रभावित नहीं करते हैं। जब वे यूनिसेफ की तरफ से बोलते हैं तब हम उनसे उम्मीद करते हैं कि वे यूनिसेफ की निष्पक्ष नीति पर अडिग रहे।""
प्रवक्ता ने यूनिसेफ के गुडविल एंबेसडर्स के रोल के बारे में बताते हुए कहा कि ""यूनिसेफ के गुडविल एंबेसडर वे अहम लोग हैं जो अपना समय और अपनी पब्लिक प्रोफाइल का बच्चों के अधिकारों को प्रमोट करने के लिए वॉलंटियर करते हैं।""
बता दें यह सारा विवाद तब शुरू हुआ, जब एक इवेंट के दौरान एक पाकिस्तानी महिला ने प्रियंका चोपड़ा पर बालाकोट में भारत की एयरस्ट्राइक पर रिएक्ट करने की वजह से सवाल उठाए। दरअसल, बालाकोट एयरस्ट्राइक पर प्रियंका ने ट्वीट कर जय हिंद लिखते हुए तिरंगे का इमोजी बनाया था। एक्ट्रेस के इसी ट्वीट से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। इसके बाद पाकिस्तान के मानवाधिकार मंत्री डॉक्टर शिरीन एम मजारी ने यूनिसेफ के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर को खत भी लिखा और प्रियंका को यूनिसेफ के गुडविल एंबेसडर के पद से हटाने की मांग की।
शिरीन एम मजारी ने यूनिसेफ को भेजे खत में लिखा था कि ""प्रियंका ने सार्वजनिक तौर पर भारत सरकार की मौजूदा स्थिति को एंडोर्स किया है। इतना ही नहीं एक्ट्रेस ने भारत के रक्षा मंत्री द्वारा पाकिस्तान को दी गई न्यूक्लियर की धमकी का सपोर्ट किया है। ये सभी शांति और सद्भाव के सिद्धांतों के खिलाफ है। कश्मीर पर अंतरराष्ट्रीय संधियों का उल्लंघन करने को लेकर मोदी सरकार को प्रियंका समर्थन दे रही हैं। ये सब प्रियंका को यूएन में दिए गए पद पर उनकी विश्वसनीयता को कम करता है। अगर प्रियंका को जल्द से जल्द पद से नहीं हटाया गया तो ये वैश्विक स्तर पर यूएन गुडविल एंबेसडर को ही हास्यास्पद बना देगा।""