Award: सिर्फ आईफा ही नहीं... सिने जगत में बेहतरीन काम के लिए दिए जाते है ये सम्मान, जानें
Award: सिर्फ आईफा ही नहीं... सिने जगत में बेहतरीन काम के लिए दिए जाते है ये सम्मान, जानें
डिजिटल डेस्क, मुम्बई। सिने जगत के प्रतिष्ठित आईफा अवॉर्ड 2020 की घोषणा हो चुकी है। यह अवॉर्ड्स इस बार मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में आयोजित होगा, जो 27 से 29 मार्च को संपन्न होगा। लोगों में 21 वें आईफा समारोह को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। लेकिन सिर्फ आईफा ही नहीं, सिने जगत में बेहतरीन काम के लिए और भी कई सम्मानीय अवॉर्ड दिए जाते हैं। आज हम आपको सिनेमा जगत से जुड़े प्रतिष्ठित अवॉर्ड के बारे में बता रहे हैं।
यह भी पढ़े: इस शुक्रवार बॉक्स ऑफिस पर रंग जमाएंगी मलंग, ये 4 फिल्में भी हो रहीं रिलीज
भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल की स्थापना 1952 में हुई थी, तब से इस फिल्म फेस्टिवल का आयोजन प्रतिवर्ष गोवा में किया जाता है। इस फिल्म फेस्टिवल के द्वारा विश्व भर के सिनेमा को अपनी फिल्म कला का प्रदर्शन करने के लिए प्लेटफार्म मिलता है। भारत सरकार हर साल ये शानदार फिल्म फेस्टिवल का आयोजन करती है जिसकी संरक्षक होती है सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय।
आईफा फिल्म पुरस्कार की स्थापना 2000 में की गई थी। इसका पहला आयोजन लंदन के मिलेनियम डोव में किया गया था। यह पुरस्कार हर साल विश्व के जाने-माने शहरों में दिया जाता है। इसका मकसद बॉलीवुड, भारतीय फिल्मों का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचार करना भी है। इस बार यह समारोह मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में आयोजित हो रहा है।
यह भी सिने जगत के प्रतिष्ठित अवॉर्ड्स में से एक है। इसकी शुरुआत साल 1954 में हुई थी। यह अवॉर्ड जनता के मत एवं ज्यूरी के सदस्यों के मत दोनों के आधार पर हर साल दिया जाता है। इस बार फिल्मफेयर 15 फरवरी को दिया जाएगा। जिसकी नॉमिनेशन लिस्ट लिस्ट सामने आ चुकी है।
इस अवॉर्ड की शुरुआत साल 1964 में आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा की गई थी। सर्वश्रेष्ठ तेलुगु फिल्मों के लिए आंध्र सरकार यह अवॉर्ड प्रदान करती है। इस अवॉर्ड को राज्य सरकार द्वारा दिया जाता है।
सिनेमा के क्षेत्र में दिया जाने वाला यह भी सबसे प्रतिष्ठित सम्मान है। इसकी शुरुआत साल 1954 में हुई। यह अवॉर्ड सिर्फ तीन कैटेगरी में ही दिया जाता है, जिसमें फीचर फिल्म, गैर फीचर फिल्म और सिनेमा पर श्रेष्ठ लेखन शामिल है।
इस लिस्ट में सबसे पहला नाम आता है दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड का। 1913 में दादा साहेब ने 'राजा हरिशचंद्र' नाम की पहली फुल लेंथ फीचर फिल्म बनाई थी। भारतीय सिनेमा में दादा साहब के ऐतिहासिक योगदान के चलते 1969 से भारत सरकार ने उनके सम्मान में 'दादा साहब फाल्के' अवार्ड की शुरुआत की गई थी। भारतीय सिनेमा के क्षेत्र में दिया जाने वाला यह सर्वोच्च सम्मान है। बता दें सबसे पहले यह पुरस्कार ददेविका रानी को दिया गया था।