अमरीश पुरी ने 400 से ज्यादा फिल्मों में किया था काम, ग़दर फिल्म को मानते थे खास
अमरीश पुरी ने 400 से ज्यादा फिल्मों में किया था काम, ग़दर फिल्म को मानते थे खास
डिजिटल डेस्क, मुम्बई। बाॅलीवुड इंडस्ट्री में जब भी किसी नेगेटिव किरदार की बात होती है तो एक्टर अमरीश पुरी का नाम सबसे पहले आता है। अपने फिल्मी कॅरियर में अमरीश पुरी ने कई ऐसे किरदार निभाए हैं, जो आज भी मील का पत्थर कहे जाते हैं। उनके कई डायलाॅग आज भी जिंदा हैं। उनके काम को देखते हुए आज गूगल ने भी डूडल बनाकर सम्मानित किया है। अमरीश उन एक्टर्स में से हैं, जिनके पास हाॅलीवुड डाॅयरेक्टर खुद ऑडिशन लेने आए थे। दिवंगत अभिनेता अमरीश पुरी का आज जन्मदिन है। इस खास दिन पर जानते हैं उनकी कुछ खास बातें।
भारतीय सिनेमा के इस सुपरस्टार अमरीश पुरी का निधन 72 सला की उम्र में साल 2005 में हुआ था। वे माइलोडीस्प्लास्टिक सिंड्रोम नाम के एक ब्लड कैंसर से जूझ रहे थे। जिसके चलते उन्हें इस दुनिया को छोड़कर जाना पड़ा। इस तरह हमने एक भारतीय सिनेमा के बहुमुखी कलाकार को खो दिया।
सख्त मिजाज दिखने वाले एक्टर अमरीश का दिल भी ईएसआईसी में काम के दौरान उर्मिला दिवेकर पर आ गया। दोनों केा एक दूसरे से प्यार होने के बाद, शादी कर ली।
अमरीश पुरी की एक्टिंग इतनी जबरदस्त थी कि उन दिनों के हॉलीवुड डायरेक्टर स्टीवन स्पीलबर्ग ने उन्हें अपनी फिल्म इंडियाना जोन्सः द टेंपल ऑफ डूम में विलेन के किरदार में कास्ट किया था।
सिर्फ विलेन ही नहीं कई सकारात्मक रोल में भी उन्हें बहुत पसंद किया गया था। घातक में सनी देओल के साथ उनके बीमार बाप के किरदार को लोगों ने खूब सराहा था। विरासत, परदेस, इतिहास जैसी कई फिल्मों में उन्होंने सकारात्मक रोल किए हैं।
अमरीश पुरी की आवाज काफी बुलंद तरह की थी। उनकी आवाज की वजह से भी लोग उन्हें विलेन की भूमिका में देखना पसंद करते थे। वे अपनी आवाज पर रोज 3 घंटे का अभ्यास करते थे। इसी कारण फिल्मों में उनकी आवाज कठोर और बेखौफ लगती थी।
कई फिल्मों जैसे रेश्मा और शेरा, सलाखें, जानी दुश्मन, नागिन, राम लखन, अंधा कानून, मशाल आदि फिल्मों में विलेन का रोल निभाने के अलावा उन्होंने पॉजीटिव रोल्स भी निभाए हैं। 'दिल वाले दुल्हनियां ले जाएंगे' में ''जा सिमरन जा'' वाला डाॅयलाॅग और उनका किरदार सबके दिलों में रचा बसा है।
वैसे तो अमरीश पुरी द्वारा निभाए गए कई किरदार और डाॅयलाॅग है, जो लोग पसंद करते हैं। लेकिन फिल्म 'मिस्टर इंडिया' में उनका रोल 'मोगैंबो' उनके कॅरियर के सुपरहिट किरदारों में से एक है। इसमें उनका डाॅयलाॅग ''मोगैंबो खुश हुआ '' आज भी लोगों को अच्छी तरह याद है।
थिएटर में रहते हुए अभिनेता ने महान लेखक सत्यदेव दुबे और गिरीश कर्नाड के साथ काम किया। सन् 1970 में उन्होंने फिल्म प्रेम पुजारी से हिंदी सिनेमा जगत में डेब्यू किया था और उन्होंने लगभग 400 फिल्मों में काम किया।
अमरीश पुरी ने फिल्मों में आने के लिए स्क्रीन टेस्ट दिया था, लेकिन वे इसमें पास नहीं हो पाए, फिर उन्होंने एंप्लोइज स्टेट इंश्योरेंस कॉरपोरशन में 21 साल तक काम किया। काम के वक्त भी वे थिएटर से जुड़े रहे।
अमरीश पुरी ने अपनी स्कूली शिक्षा शिमला में पूरी की थी। वहीं रहकर अमरीश गेयटी थिएटर से जुड़े। एक बार उन्होंने बताया था कि गदर एक प्रेम कथा फिल्म उनके लिए बेहद खास है। क्योंकि इस फिल्म की शूटिंग के दौरान उन्हें गेयटी थिएटर जाने का मौका मिला था।
अभिनेता का जन्म 22 जून 1932 में पंजाब के नवनशहर में हुआ था। वे पर्दे पर जितने सख्त दिखाई देते थे। असल जिंदगी में ऐेसे बिल्कुल भी नहीं थे। वे भले ही फिल्मों में विलेन का रोल करते थे, लेकिन असल जिंदगी में किसी आम आदमी की तरह ही पारिवारिक थे।