Super 30 Review: ऋतिक का बिहारी एक्सेंट दिलचस्प, फिल्म में जोड़ी गई कुछ ज्यादा ही नाटकीयता
Super 30 Review: ऋतिक का बिहारी एक्सेंट दिलचस्प, फिल्म में जोड़ी गई कुछ ज्यादा ही नाटकीयता
डिजिटल डेस्क, मुम्बई। विकास बहल द्वारा निर्देशित फिल्म सुपर 30 आज सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। यह फिल्म आनंद कुमार की बायोपिक है। फिल्म में आनंद कुमार का किरदार ऋतिक रोशन ने निभाया है। उनकी पत्नी के किरदार में मृणाल ठाकुर हैं। 2 घंटे 42 मिनट की इस फिल्म में विकास बहल ने आनंद कुमार की पूरी लाइफ को पर्दे पर उतारने की कोशिश की है।
फिल्म की शुरुआत फ्लैशबैक से होती है। एक बेहतरीन स्टूडेंट आनंद कुमार का एडमिशन क्रैबिंज यूनिवर्सिटी में होता है, लेकिन आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते वो दाखिला नहीं ले पाता है। आनंद के पिता की मौत हो जाती है और उसे अपनी मां के हाथों बने पापड़ बेचकर घर चलाना पड़ता है।
आनंद को लल्लन का साथ मिलता है, जो उनकी किस्मत को बदल कर रख देता है। लल्लन सिंह का किरदार आदित्य श्रीवास्तव ने निभाया है। लल्लन आईआईटी की तैयारी कर रहे बच्चों के लिए एक कोचिंग सेंटर चलाता है और आनंद को बतौर टीचर शामिल कर लेता है। जब आनंद को एहसास होता है कि उसके जैसे कई बच्चे अपने सपनों का आर्थिक तंगी के चलते बलिदान कर रहे हैं तो वो अपनी कंफर्टेबल जिंदगी को छोड़कर फ्री कोचिंग सेंटर खोलता है।
फिल्म में ऋतिक ने पूरी तरह आनंद कुमार बनने की कोशिश की है। लेकिन अपने ब्राउन मेकअप सीन की वजह से वे कई सीन में प्रभावी नहीं लग पाते। जहां उनकी स्किन का काफी ध्यान रखा गया, वहीं एक्टर की आंखों की ओर ध्यान नहीं दिया गया। फिल्म में ऋतिक की नैचुरल हरी आंखें एहसास नहीं होने देती कि वे ऋतिक नहीं बल्कि आनंद कुमार हैं। ऋतिक ने आनंद कुमार के किरदार में ढलने के लिए बहुत मेहनत की है। उनका बिहारी एक्सेंट सुनने में बहुत ही दिलचस्प लगता है। काफी हद तक वे इस रोल को निभाने में सफल रहे। उनके रोल में उनकी मेहनत साफ साफ झलक रही है।
फिल्म में एजुकेशन मिनिस्ट बनें पंकज त्रिपाठी अपने किरदार में गजब ढा रहे हैं। फिल्म में उनका कोचिंग सेंटर शानदार कमाई कर रहा है। वहीं वहीं मृणाल के पास थोड़े से स्क्रीन स्पेस में खास कुछ करने को नहीं था, लेकिन ऋतिक के साथ सीन्स में वे प्रभावी लगती हैं। आदित्य श्रीवास्तव ने भी अपना अदाकारी से सबको चौका दिया।
यह फिल्म थोड़ी लंबी जरुर है, लेकिन ऋतिक की मृणाल के साथ लव स्टोरी वाला हिस्सा इस कहानी में कोई प्रासंगिकता नहीं रखता है। फिल्म को इंटरटेनिंग बनाने के लिए इसमें कुछ ज्यादा ही नाटकीयता को जोड़ा गया है। मसलन एक बच्चा जो आनंद के सुपर 30 का हिस्सा होने से एक नंबर से रह जाता है, वो ना केवल कुछ घंटों की मेहनत के बाद शानदार म्यूजिकल परफॉर्मेंस देता है बल्कि कई महीनों की ट्रेनिंग का हिस्सा ना बनने के बाद भी आईआईटी का एग्जाम निकाल देता है।
बता दें आनंद कुमार के नेतृत्व में सुपर 30 ने देश भर में कमाल किया है। उनके द्वारा कई बच्चों ने आई आई टी क्लीयर कर, प्रवेश पाया है। इसी वजह से लोग उन्हें बहुत पसंद करते हैं। लेकिन फिल्मी पर्दे पर आनंद कुमार की कहानी जलवा दिखाने में कामयाब नहीं रही। इसके बावजूद यह एक मोटिवेशनल कहानी है, जिसे दर्शकों को एक बार फिल्म जरुर देखनी चाहिए।