मुंबई: दफ्तर में तोड़फोड़ का मामला, बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई 22 सितंबर तक टली, कंगना रनौत ने ऑफिस का जायजा भी लिया
मुंबई: दफ्तर में तोड़फोड़ का मामला, बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई 22 सितंबर तक टली, कंगना रनौत ने ऑफिस का जायजा भी लिया
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के ऑफिस में बीएमसी द्वारा की गई तोड़फोड़ के मामले की सुनवाई 22 सितंबर तक टाल दी है। कंगना के ऑफिस में बुधवार को BMC की टीम ने करीब 2 घंटे तक जेसीबी और हथौड़ों से जमकर तोड़फोड़ की थी। बीएमसी अधिकारियों का कहना है, उन्होंने सिर्फ दफ्तर में अवैध निर्माण को ध्वस्त किया है। जबकि कंगना का कहना है, उनके ऑफिस में कुछ भी गलत तरीके से नहीं बनाया गया था। आज कंगना ने अपने ऑफिस पहुंचकर तोड़फोड़ का जायजा भी लिया।
तोड़फोड़ के बाद पहली बार ऑफिस पहुंचीं कंगना
मुंबई पहुंचने के बाद कंगना गुरुवार को पहली बार से घर से बाहर निकलीं और सीधे अपने दफ्तर पहुंचीं। कंगना कुछ मिनटों तक गाड़ी के अंदर से ही ऑफिस के बाहर फैले मलबे को देखती रहीं। इसके बाद दफ्तर के अंदर जाकर जायजा लिया। इस दौरान वो थोड़ी निराश नजर आईं। करीब 15-20 मिनट तक वहां रुकने के बाद कंगना बिना कुछ बोले घर की ओर रवाना हो गईं।
Maharashtra: Actor Kangana Ranaut arrives at her office in Mumbai, where demolition work was carried out by BMC, yesterday. pic.twitter.com/cvOMuI8wXa
— ANI (@ANI) September 10, 2020
बता दें कि, कंगना की गैरमौजूदगी में बीएमसी ने बांद्रा वेस्ट के पाली हिल रोड पर स्थित कंगना रनौत के 48 करोड़ के दफ्तर (मणिकर्णिका फिल्म्ज़) के कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त किया था। जिसके बाद बुधवार को ही कंगना ने ऑफिस में की गई तोड़फोड़ के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी थी। जिसके बाद हाई कोर्ट ने उद्धव सरकार को फटकार लगाते हुए तोड़फोड़ पर रोक लगा दी थी। हालांकि इससे पहले ही अभिनेत्री का काफी नुकसान हो चुका था। हाई कोर्ट ने आज गुरुवार को इस मामले में फिर से सुनवाई की।
Bombay High Court adjourns actor Kangana Ranaut"s office demolition matter till September 22.
— ANI (@ANI) September 10, 2020
Brihanmumbai Municipal Corporation (BMC) filed its reply and Kangana"s lawyer has sought time to respond to the affidavit. #Maharashtra
कोर्ट ने कंगना के वकील रिजवान सिद्दीकी से याचिका में कई सुधार करने की बात कही है। इस पर अगली सुनवाई 22 सितंबर के बाद होगी। कोर्ट ने ये भी कहा, 22 तारीख तक न दफ्तर में न कुछ तोड़ा जाएगा और न ही जोड़ा। दफ्तर की बिजली और पानी की पाइपलाइन कटी हुई है। इसे बहाल करने पर भी रोक लगा दी गई है।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान बीएमसी के वकील ने कहा, यह कर्मशियल प्रॉपर्टी है, इस पर कंगना के वकील ने कहा, यह रिहायशी इलाका है। पहले बंगला था, जिसे कंगना ने खरीदा और दफ्तर बनाया। कोर्ट ने दोनों पक्षों से कहा, मामले में जल्दबाजी न करें। अब कंगना के वकील को कोर्ट के सामने दफ्तर से जुड़े सारे दस्तावेज पेश करने होंगे, जैसे- रिहायशी इलाके में ऑफिस शुरू करने के लिए क्या अनुमति ली गई थी। क्या पानी और बिजली का बिल कर्मशियल रेट पर भरा जा रहा था?
कंगना ने बीएमसी के नोटिस पर जवाब देने के लिए सात दिनों की मोहलत मांगी थी। बीएमसी ने उन्हें मोहलत नहीं दी और नोटिस का जवाब नहीं मिलने का हवाला देते हुए बुधवार सुबह एक्शन लिया। इस कार्रवाई पर पलटवार करते हुए कंगना ने ट्वीट कर बीएमसी की टीम को बाबर और उसकी आर्मी बताया था।
कंगना रनौत के खिलाफ FIR दर्ज
इसी बीच कंगना के खिलाफ मुंबई के विक्रोली थाने में FIR दर्ज करवाई गई है। कंगना पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया है। थाने में की गई शिकायत में कंगना के ट्वीट्स भी अटैच किए गए हैं और कंगना के वीडियो का भी जिक्र है।