Birthday: माता-पिता चाहते थे पांचवी संतान बेटा हो, हुई बेटी, अब कहलाती है गरबा क्वीन, कुछ ऐसी है इस सिंगर की कहानी
Birthday: माता-पिता चाहते थे पांचवी संतान बेटा हो, हुई बेटी, अब कहलाती है गरबा क्वीन, कुछ ऐसी है इस सिंगर की कहानी
डिजिटल डेस्क,मुंबई। भारत की गरबा क्वीन के नाम से मशहूर फाल्गुनी पाठक का जन्म 12 मार्च को 1964 को मुंबई में हुआ और मात्र 9 साल की उम्र में ही फाल्गुनी ने अपना पहला स्टेज शो किया,जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। फाल्गुनी की 4 बड़ी बहनें है इसलिए उनके पैदा होने से पहले माता-पिता को बेटे का इंतजार था लेकिन ईश्वर को कुछ और मंजूर था और घर भी 5वीं बेटी आ गई। लड़की होने के बाद भी फाल्गुनी कभी लड़कियों की तरह नहीं रही। वो हमेशा लड़कों की तरह रहती है। 90s के दौर में फाल्गुनी का गाना हर किसी की जुबान पर हुआ करता था और हर फंक्शन पर लोग बड़े शौक से इसे बजाया करते थे। संगीत के अलावा फाल्गुनी टीवी के फेमस शो,तारक मेहता का उल्टा चश्मा, कौन बनेगा करोड़पति, स्टार डांडिया धूम, कॉमेडी नाइट्स विद कपिल और प्राइमटाइम शो बा बहू और बेटी में भी नजर आ चुकी है।
फाल्गुनी से जुड़ी कुछ खास बातें
- गरबा क्वीन फाल्गुनी पाठक का जन्म 12 मार्च 1964 को मुंबई में गुजराती परिवार में हुआ।
- फाल्गुनी की 4 बड़ी बहनें है और वो अपने घर की सबसे छोटी बेटी है।
- फाल्गुनी के जन्म के समय उनके माता-पिता एक लड़के के जन्म की उम्मीद कर रहे थे।
- फाल्गुनी के पहले स्टेज परफॉरमेंस के बारे में सुनकर उनके पिता ने फाल्गुनी को डांटा और मारा था।
- 90s की सबसे पॉपुलर म्यूजिक आर्टिस्ट फाल्गुनी ने अइयो रामा,ओ पिया, चूड़ी और याद पिया जैसे हिट गाने गाए।
- 9 वर्ष में फाल्गुनी ने पहली बार स्टेज शो किया और "लैला ओ लैला" गाया।
- स्टेज शो के बाद अगले ही साल फाल्गुनी को एक गुजराती फिल्म में गाने का मौका मिला।
- फाल्गुनी ने अपना पहला गाना 10 साल की उम्र में अल्का याग्निक के साथ रिकॉर्ड किया।
- फाल्गुनी को गुजराती खाने के साथ-साथ पिज्जा-पास्ता और चाट खाने का बहुत शौक है।
- फाल्गुनी बचपन से टॉमबॉय है,उन्होंने कभी सलवार-सूट नहीं पहना और न ही नेल पॉलिश लगाई।
- 1987 से फाल्गुनी ने डांडिया नाइट्स में गाना शुरू किया।
- फाल्गुनी के "मैंने पायल है छनकाई, याद पिया की आने लगी, बोले जो कोयल बागों में और ओ पिया" जैसे गानों ने खूब वाहवाही बटोरी थी।
- फाल्गुनी का ‘ता थैया’ नाम से उनका बैंड हुआ करता था, जिसके साथ वे परफॉर्मेंस देती थी।