एक वन्यजीव फोटोग्राफर ने देखा दुर्लभ प्रजाति का उल्लू

A wildlife photographer saw a rare species of owl in Prayagraj
एक वन्यजीव फोटोग्राफर ने देखा दुर्लभ प्रजाति का उल्लू
प्रयागराज एक वन्यजीव फोटोग्राफर ने देखा दुर्लभ प्रजाति का उल्लू

डिजिटल डेस्क, प्रयागराज (यूपी)। प्रयागराज में एक दुर्लभ और लुप्तप्रजाति का उल्लू (स्ट्रिक्स ओसेलटा) देखा गया है।

एक वन्यजीव फोटोग्राफर और कैंसर सर्जन, डॉ अर्पित बंसल ने उल्लू की दुर्लभ प्रजाति की एक तस्वीर क्लिक की है।

मध्य भारत के जंगलों में पाए जाने वाले मटमैले लकड़ी के उल्लुओं को 2016 से इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (कवउठ) की रेड लिस्ट में खतरनाक प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।

डॉ बंसल ने चित्तीदार उल्लू, जंगल उल्लू, खलिहान उल्लू और भारतीय स्कॉप्स उल्लू को भी क्लिक किया है, जो सभी विलुप्त होने के खतरे का सामना कर रहे हैं।

डॉ बंसल ने कहा कि भारत में पाई जाने वाली पक्षियों की 1,349 प्रजातियों में से वह 887 फोटो खींच चुके हैं।

भारत में उल्लुओं की कुल 36 प्रजातियाँ पाई जाती हैं और डॉक्टर ने उनमें से 32 की तस्वीरें खींची हैं।

डॉ बंसल ने कहा, मोटेल्ड वुड उल्लू एक नई प्रजाति है जो मैंने पहली बार शहर में इबर्ड डॉट ओर.के अनुसार फोटो खिंचवाई थी। यह हरिश्चंद्र रिसर्च इंस्टीट्यूट (एचआरआई) परिसर के पास झूंसी क्षेत्र में फोटो खिंचवाया गया था। इसके साथ, मैंने कुल पांच लुप्तप्राय क्लिक किए हैं।

उन्होंने कहा, यह एक दुर्लभ खोज है और हमें लोगों को जागरूक करने की जरूरत है ताकि वे पक्षी की रक्षा करने में मदद कर सकें।

जैसा कि एक आम प्रथा है, दिवाली के दौरान देश में काले जादू के नाम पर उल्लू को अवैध रूप से पकड़ा जाता है और उसकी बलि दी जाती है।

भारतीय लोककथाओं के अनुसार, उल्लू ज्ञान और सहायकता का प्रतिनिधित्व करता है, और भविष्यवाणी करने की शक्ति रखता है। अठारहवीं शताब्दी के दौरान उल्लुओं के प्राणी संबंधी पहलुओं को बारीकी से अवलोकन के माध्यम से विस्तृत किया गया।

जिला वन अधिकारी (डीएफओ) प्रयागराज, रमेश चंद्र ने कहा कि पक्षी प्रेमियों और संरक्षणवादियों द्वारा प्रयागराज में पिछले कुछ वर्षों में 250 से अधिक पक्षी प्रजातियों को देखा गया है।

हम शहर और उसके आसपास उल्लू की कुछ प्रजातियों जैसे जंगल उल्लू, चित्तीदार उल्लू, कॉलर वाले स्कॉप्स उल्लू, छोटे कान वाले उल्लू और रॉक ईगल उल्लू की उपस्थिति से अवगत है। लुप्तप्राय धब्बेदार लकड़ी के उल्लू को देखना अच्छी खबर है और उन्हें नुकसान से बचाने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे।

 

(आईएएनएस)

Created On :   21 Oct 2021 7:30 PM IST

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