कर्नाटक में एक बार फिर जेडीएस बनेगी 'किंगमेकर'! मतगणना पहले अटकलों का बाजार गर्म, आंकड़ों के खेल में भी हंग असेंबसी की संभवानाएं बरकरार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। साल 1999 में अपना पहला चुनाव लड़ने वाली जेडीएस ने कर्नाटक में तीसरे नंबर पर रहते हुए राज्य में तीन बार अपनी सरकार बनाई है। साथ ही दो बार मौके का फायदा उठाकर जेडीएस पार्टी ने मुख्यमंत्री का पद भी संभाला है। 10 मई को राज्य में मतदान समाप्त हो गया। जिसके बाद शाम 7 बजे सभी न्यूज चैनल्स के एग्जिट पोल के नतीजे सामने आ गई। पोल ऑफ पोल्स से उम्मीद की जा रही है कि राज्य में एक बार फिर जेडीएस किंगमेकर की भूमिका निभा सकती है। पोल ऑफ पोल्स के मुताबिक, भाजपा 91, कांग्रेस 108,जेडीएस 22 और अन्य के खाते में 3 सीट मिलने का अनुमान है। 224 विधानसभा सीटों वाले कर्नाटक में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत लाने के लिए 113 सीटों पर जीत की जरूरत है। ऐसे में जेडीएस राज्य में एक बार फिर स्थाई सरकार बनाने के लिए किंगमेकर की भूमिका निभा सकती है। खास बात यह है कि पार्टी ने आज तक कभी भी राज्य के कुल सीटों पर चुनाव नहीं लड़ी है। तब भी वह किंगमेकर की भूमिका में रही है।
जेडीएस का किंग मेकर के रूप में सफर
साल | सीट | वोट परसेंटेज |
1999 | 10 | 13.53% |
2004 | 58 | 18.96% |
2008 | 40 | 20.77% |
2013 | 28 | 20.99% |
2018 | 37 | 18.36% |
2004 में पहली बार जेडीएस बनी थी किंगमेकर
साल 1999 में पार्टी ने पहली बार राज्य में विधानसभा चुनाव लड़ते हुए महज 13 फीसदी वोट शेयर के साथ 10 सीटों पर जीत हासिल की थी। लेकिन 2004 में पार्टी ने राज्य के कुल वोट परसेंटेज में 18 फीसदी से अधिक वोट हासिल करके राज्य की 58 सीटों पर जीत दर्ज की। तब बीजेपी को 79 और कांग्रेस को 65 सीटें मिली थीं। उस वक्त जेडीएस पार्टी ने कांग्रेस के साथ मिलकर राज्य में पहली बार अपनी सरकार बनाई। इसी तरह जेडीएस राज्य में पहली बार किंगमेकर रूप में भी सामने आई। इसी पंचवर्षीय कार्यकाल में दो साल बाद एचडी कुमारस्वामी ने कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी से हाथ मिला लिया। इस दौरान कुमारस्वामी ने मुख्यमंत्री पद का भी कार्यभार संभाला। दोनों पार्टियों के बीच बचे कार्यकाल में आधे-आधे समय तक मुख्यमंत्री पद शेयर करने पर सहमति बनी थी। लेकिन बाद में कुमारस्वामी इस समझौते से मुकर गए। और बीजेपी को समर्थन देने से इंनकार कर दिया।
2018 में जेडीएस की भूमिका
इसके बाद साल 2018 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी 104, कांग्रेस ने 80 और जेडीएस ने 37 सीटें जीती थीं। राज्य में एक बार फिर पूर्ण बहुमत की सरकार नहीं बनी और जेडीएस ने अपना समर्थन कांग्रेस को दिया। 2018 के चुनाव में पार्टी ने महज 200 सीटों पर चुनाव लड़ते हुए 37 सीटों पर जीत दर्ज की। हालांकि लंबी खींचतान के बाद साल 2019 में कांग्रेस के 15 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद वहां के राज्यपाल ने बीजेपी के बीएस येदियुरप्पा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। और राज्य में एक बार बीजेपी की सरकार बन गई।
पोल ऑफ पोल्स
सोर्स | कांग्रेस | बीजेपी | जेडीएस | अन्य |
India Today- Axis My India | 122-144 | 62-80 | 20-25 | 0-3 |
News24-Today's Chanakya | 120 | 92 | 12 | 0 |
ABP-CVoter | 100-112 | 83-95 | 21-29 | 2-6 |
Republic-P-MARQ | 94-108 | 85-100 | 24-32 | 2-6 |
Asianet Suvarna News-Jan Ki Baat | 91-106 | 94-117 | 14-24 | 0-2 |
Zee News-Matrize | 103-118 | 79-94 | 25-33 | 2-5 |
TV 9 Bharatvarsh-Polstrat | 99-109 | 88-98 | 21-26 | 0-4 |
किसकी बनेगी सरकार
ज्यादातर एग्जिट पोल हंग असेंबसी की ओर इशारा कर रहे हैं। ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस को राज्य में अपनी सत्ता लाने के लिए उसे जेडीएस की मदद लेनी होगी। समाजवादी विचारों पर आधारित जेडीएस पार्टी बीजेपी और कांग्रेस दोनों के साथ राज्य में अपनी सरकार बना चुकी है। ऐसे में देखने वाली बात होगी इस बार राज्य में बीजेपी और कांग्रेस को पूर्ण बहुमत नहीं मिलती है तो जेडीएस पार्टी किसी तरफ जाएगी? साथ ही देखने वाली बात यह भी होगी इस बार मुख्यमंत्री के रूप मे कौन-सी पार्टी की ताजपोशी होगी।
Created On :   12 May 2023 10:12 PM IST