Nagpur News: सोमैया का आरोप, उद्धव ने रचा था वोट जिहाद का गेमप्लान, जिलाधिकारी से मुलाकात
- विविध जिलों के पेश किए आंकड़े
- राज्य में एक लाख 7 हजार रोहिंग्या को जन्म प्रमाण पत्र देने का दावा
- पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर गंभीर आरोप
Nagpur News. राज्य में बांग्लादेशी नागरिकों की घुसपैठ का जिक्र करते हुए भाजपा नेता किरीट सोमैया ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है-राज्य में महाविकास आघाडी की सत्ता के समय वोट जिहाद के लिए उद्धव ठाकरे ने एमआईएम व कुछ मुस्लिम संगठनों के साथ मिलकर गेम प्लान तैयार किया था। उसके अनुसार करीब 2 लाख बांग्लादेशी रोहिंग्या को जन्म प्रमाण पत्र दिया गया। शुक्रवार को सोमैया अमरावती के बाद नागपुर में आए। जिलाधिकारी डॉ.विपीन इटनकर से उन्होंने भेंट की। जन्म दाखिले के बारे में जानकारी दी। सौमैया ने कहा- राज्य में अब तक एक लाख 7 हजार रोहिंग्या को जन्म प्रमाण पत्र दिया गया है। 90 हजार आवेदन लंबित है। मालेगांव में जानकारी मिली कि दो लाख बांग्लादेशियों को भारतीय बनाने का षड़यंत्र रचा जा रहा है। मालेगांव के तहसीलदार व नायब तहसीलदार को निलंबित किया गया है। जन्म प्रमाण पत्र देने की प्रक्रिया रोकी गई है। जिन्हें प्रमाण पत्र दिए गए उनकी जांच की जाएगी। अब तक 37 तहसीलों में जाकर जानकारी जुटायी गई है। 99 प्रतिशत बांग्लादेशी मुस्लिम के पास कोई प्रमाण नहीं है। सवाल है कि उन्हें किस आधार पर जन्म प्रमाण पत्र दिया गया। इस तरह का कार्य मालेगांव से आरंभ हुआ र्ह। इस प्रकरण की जांच के लिए एटीएस को सूचना दी गई है। सोमैया ने यह भी कहा कि मालेगांव में बैंक घोटाले का पैसा जन्मप्रमाण पत्र के लिए इस्तेमाल किया गया है।
बड़ा गेम प्लान
सोमैया ने कहा-रोहिंग्या को जन्मप्रमाण पत्र देने में बड़ा गेमप्लान है। यवतमाल में 1350, अमरावती में 15 हजार, अकोला में 15 हजार , अकोला शहर में 4500 , अंजनगांव सुर्जी में 1400 रोहिंग्या को जन्म प्रमाण पत्र दिया गया है। अब जन्म प्रमाणपत्र देने की सभी प्रक्रिया रोकी गई है। बांग्लादेश के घुसपैठियों को मान्यता देने का काम कुछ अधिकारी व कुछ जनप्रतिनिधि कर रहे हैं। 2024 में 20 लाख बांग्लादेशी रोहिंग्या ने महाराष्ट्र में आवेदन किया है। इन्हें जन्मप्रमाण पत्र देने के लिए बड़े नेता व स्थानीय जनप्रतिनिधि ने दबाव लाया था। अब कठोर दिशानिर्देश तैयार होने तक किसी को भी जन्मप्रमाण पत्र न दिया जाए। इस संबंध में मुख्यमंत्री से निवेदन किया जाएगा।
Created On :   24 Jan 2025 6:20 PM IST