कर्नाटक विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र के नेताओं की अपील, मराठी प्रत्याशियों के पक्ष में मतदान करें मराठी लोग
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मराठियों के मुद्दे को लेकर महाराष्ट्रियन नेता एक साथ नजर आए। राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे दोनों ही नेताओं की पार्टी महाराष्ट्र एकीकरण समिति के उम्मीदवारों को सपोर्ट कर रही है। मनसे मुखिया राज ठाकरे ने एक ट्वीट कर कर्नाटक की जनता से एमईएस प्रत्याशियों के पक्ष में वोट करने की अपील की है। उन्होंने आगे कहा कि मेरा दृढ़ मत है कि आपको अपने राज्य की भाषा और संस्कृति का सम्मान करना चाहिए। हालांकि एक निजी न्यूज चैनल के सवाल के जवाब में भाषा के आधार ऐसे समर्थन को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने असंवैधानिक बताया।
राज ठाकरे ने अपने ट्वीट में लिखा है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 10 मई को होने जा रहे हैं। ठाकरे ने अपने ट्वीट में आगे लिखा है कि मैं सीमावर्ती क्षेत्रों में अपने मराठी भाइयों और बहनों से अपील करता हूं कि वे एकजुट होकर महाराष्ट्र एकीकरण समिति के उम्मीदवारों के लिए मतदान करें। अन्य दलों के उम्मीदवार भले ही मराठी हों, लेकिन निर्वाचित होने के बाद वे मराठी भाषा का गला घोंटने या सीमावर्ती क्षेत्रों में मराठी लोगों के साथ हुए अन्याय के खिलाफ विधानसभा में मुंह नहीं खोलेंगे।
कर्नाटक विधानसभेच्या निवडणुकांसाठी येत्या १० मे ला मतदान आहे. तिथल्या सीमाभागातील माझ्या मराठी मतदार बंधू-भगिनींना माझं आवाहन आहे की मतदान करताना एकजुटीने महाराष्ट्र एकीकरण समितीच्या उमेदवारांनाच मतदान करा. इतर पक्षांचे उमेदवार मराठी असले तरी ते निवडून आल्यावर मराठी भाषेच्या…
— Raj Thackeray (@RajThackeray) May 8, 2023
ठाकरे ने सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले मराठी भाइयों ने यहां की कन्नड़ भाषा और संस्कृति का सम्मान किया है, लेकिन फिर भी अगर वहां की सरकार मराठी लोगों को परेशान करे, मराठी भाषा का गला घोंटने की कोशिश करे, तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ठाकरे ने इससे आगे कर्नाटक सरकार पर एक बार फिर सीमांकन के मुद्दे को हवा देने की कोशिश की, तो मैंने कहा कि कर्नाटक और महाराष्ट्र मूल रूप से समरूप हैं। दोनों राज्यों के बीच संबंध मजबूत हैं। मनसे प्रमुख ने कहा कि यहां के कई लोगों के पास कर्नाटक में उनके कुल देवता हैं जबकि कई कन्नडिगों के महाराष्ट्र में उनके कुल देवता हैं। ठाकरे ने कहा कि अपनी भाषा का विधायक होना चाहिए। इसलिए विधायिका में मराठी भाषी विधायक होने चाहिए, जो उस क्षेत्र की मराठी पहचान का प्रतिनिधित्व करे, जो मराठी लोगों के मुद्दों के लिए आवाज उठाए. इसके लिए सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों के पास 10 मई को मौका है.
इससे पहले उद्धव ठाकरे की शिवसेना पार्टी भी महाराष्ट्र एकीकरण समिति के प्रत्याशियों को समर्थन कर चुकी है। शिवसेना सांसद संजय राउत एमईएस उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार कर चुके है। सांसद राउत ने खानापुर से एमईएस के उम्मीदवार मुरलीधर पाटिल के पक्ष में एक चुनावी रैली को संबोधित किया और उनके लिए वोट मांगे थे। इस दौरान राउत ने बीजेपी पर नफरत फैलाने का आरोप भी लगाया था ।
Created On :   8 May 2023 6:19 PM IST