जानिए राजा महाराजा के प्रभाव वाले इलाके की विधानसभा सीटों का चुनावी गणित
- गुना जिले में चार विधानसभा सीट
- सिंधिया और सिंह परिवार का कब्जा
- निर्णायक भूमिका में आदिवासी और एससी वोटर्स
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। मध्यप्रदेश के गुना जिले में चार विधानसभा गुना, बामौरी, चाचौड़ा और राघोगढ़ सीट आती है, गुना जिला ग्वालियर संभाग में आता है। इसकी राजनैतिक पृष्ठभूमि चंबल- ग्वालियर इलाके से मिलती जुलती है। गुना जिले पर दो राज परिवारों का प्रभाव पड़ता है। एक तरफ सिंधिया परिवार तो दूसरी तरफ दिग्विजय सिंह । गुना को पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह गढ़ माना जाता है। इलाके पर दिग्विजय सिंह का दबदबा है। दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह चाचौड़ा विधानसभा सीट और राघोगढ़ से दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह वर्तमान में विधायक है। गुना की चारों सीटों के जातीय समीकरण को देखे तो यहां ठाकुर और यादव मतदाताओं में हमेशा से ठनी रहती है। यहां ब्राह्मण और अनुसूचित जाति के मतदाता जीत में निर्णायक भूमिका अदा करते है।
गुना विधानसभा सीट
गुना विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। यहां मुख्य लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस के बीचे देखने को मिलती है, बीएसपी का यहां वोटबैंक तो है, लेकिन चुनाव आते आते वह बिखर जाता है। बहुजन वोट बंटने से मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी में सीधे तौर पर देखने को मिलता है। दोनों ही दलों कांग्रेस और बीजेपी में इस इलाके की राजनीति में उठापटक देखने को मिलती रहती है। यहां लगातार दो बार बीजेपी जीतती आ रही है। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव जैसे जैसे नजदीक आते जा रहे है, वैसे वैसे चुनावी महासमर में सियासत की बिसात पर हलचल तेज हो गई है। दलों के नेताओं द्वारा रणनीति की नई नई चालें चलीं जा रही है।
2018 में बीजेपी के गोपीलाल जाटव
2013 में बीजेपी के पन्नालाल शाक्य
2008 में बीजेएसएच के राजेंद्र सिंह सलूजा
2003 में बीजेपी के कन्हैयालाल अग्रवाल
1998 में कांग्रेस के शिवप्रताप सिंह
1993 में कांग्रेस के शिवप्रताप सिंह
1990 में बीजेपी के भागचंद्र सोगानी
1985 में कांग्रेस के शिवप्रताप सिंह
1980 में कांग्रेस के शिवप्रताप सिंह
1977 में जेएनपी के धर्मस्वरूप सक्सेना
बामोरी
बामोरी विधानसभा क्षेत्र परिसीमन के बाद 2008 में अस्तित्व में आई। 2020 में हुए उपचुनाव को समेत यहां से महेंद्र सिंह सिसोदिया लगातार तीन बार चुनाव जीत रहे है। 2008 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। बामोरी सीट आदिवासी और अनुसूचित बाहुल्य है। इनकी संख्या करीब 80 हजार से अधिक है। सहरिया आदिवासी और एसी वर्ग का मतदाता निर्णायक भूमिका निभाता है। राजपूत वर्ग का वोटर्स भी अहम रोल अदा करता है।
2020 उपचुनाव में बीजेपी के महेंद्र सिंह सिसोदिया
2018 में कांग्रेस के महेंद्र सिंह सिसोदिया
2013 में कांग्रेस के महेंद्र सिंह सिसोदिया
2008 में बीजेपी के कन्हैलाला रामेश्वर अग्रवाल
चाचौड़ा
इस विधानसभा सीट पर कांग्रेस का दबदबा कायम है, चाचौड़ा में अभी तक बीजेपी दो बार चुनाव ही जीत पाने में कामयाब हो पाई है। वर्तमान में दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह चाचौड़ा विधानसभा सीट से विधायक है।
2018 में कांग्रेस के लक्ष्मण सिंह
2013 में बीजेपी के ममता मीना
2008 में कांग्रेस के शिवनारायण मीणा
2003 में कांग्रेस के शिवनारायण मीणा
1998 में कांग्रेस के शिवनारायण मीना
1993 में कांग्रेस के शिवनारायण
1990 में बीजेपी के रामबहादुर सिंह परिहार
1985 में कांग्रेस के देवेंन्द्र सिंह
1980 में कांग्रेस के देवेंद्र सिंह
1977 में जेएनपी के कृष्ण वल्लभ भंवरलाल
राघोगढ़
राघोगढ़ सीट कांग्रेस का मजबूत किला है। साल 2003 के विधानसभा चुनाव में राघोगढ़ सीट से मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी चुनाव लड़ चुके है। इस चुनाव में सिंह ने चौहान को मात दी थी।
2018 में कांग्रेस के जयवर्धन सिंह
2013 में कांग्रेस के जयवर्धन सिंह
2008 में कांग्रेस के मूल सिंह दादा भाई
2003 में कांग्रेस के दिग्विजय सिंह
1998 में कांग्रेस के दिग्विजय सिंह
1993 में कांग्रेस के लक्ष्मण सिंह
1985 में कांग्रेस के मूल सिंह
1980 में कांग्रेस के दिग्विजय सिंह
1977 में कांग्रेस के दिग्विजय सिंह
Created On :   29 Jun 2023 6:49 PM IST