जानिए सीएम शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर के चुनावी समीकरण
- सिहोर में 4 विधानसभा सीट
- सीएम चौहान का गृह जिला
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कुछ महीना बाकी है। आज हम आपको प्रदेश के मुखिया सीएम शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले के राजनीति समीकरण का हाल बताएंगे। सीहोर जिले में 4 विधानसभा , बुधनी,इछावर,आष्टा और सीहोर आती है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का गृह जिला सीहोर बीजेपी का गढ़ है। सिहोर में बीजेपी किसी भी चेहरें को भी चुनावी मैदान में उतार दें, जीत बीजेपी की ही होती है। सीहोर जिले की जनता बीजेपी को ही विजयी करती आई है। लेकिन अबके समीकरण कुछ बदले बदले नजर आ रहे है।
सीहोर
सीहोर विधानसभा सीट पर ज्यादातर बीजेपी की जीत ही होते आई है। सीहोर जिला कृषि आधारित जिला है, सिहोर में किसानों की परेशानी और रोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है। भोपाल से सटे होने के बावजूद यहां कोई बड़ा उद्योग नहीं है। जातीय समीकरण की बात की जाए तो यहां एससी और मुस्लिम आबादी है। दोनों समुदाय के मतदाता चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाते है।
2018 में बीजेपी के सुदेश राय
2013 में निर्दलीय सुदेश राय
2008 में बीजेपी के रमेश सक्सेना
2003 में बीजेपी के रमेश सक्सेना
1998 में बीजेपी के महेश तिवारी
1993 में निर्दलीय रमेश सक्सेना
1990 में बीजेपी के मदनलाल त्यागी
1985 में कांग्रेस के शंकर लाल
1980 में बीजेपी के सुंदरलाल पटवा
1977 में कांग्रेस के लक्ष्मण प्रसाद वैद्य
बुधनी
प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान की विधानसभा सीट, तीन बार से लागातार वो ही चुनाव जीत रहे है। बीजेपी के लिए बुधनी सीट बहुत महत्तवपूर्ण है। नर्मदा किनारे बसे बुधनी विधानसभा सीट पर चौहान को घेरने के कांग्रेस ने पूरी तैयारी कर ली है। पूर्व बीजेपी नेता दीपक जोशी ने कांग्रेस का दामन थामने के दौरान बुधनी से विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ से अपील की है। ऐसे में यहां चुनावी मुकाबला दिलचस्प होने के आशंका है।
2018 में बीजेपी के शिवराज सिंह चौहान
2013 में बीजेपी के शिवराज सिंह चौहान
2008 में बीजेपी के शिवराज सिंह चौहान
2003 में बीजेपी के राजेंद्र सिंह
1998 में कांग्रेस के राजेंद्र पंबोई
1993 में कांग्रेस के राजकुमार पटेल
1990 में बीजेपी के शिवराज सिंह चौहान
1985 में शिवराज सिंह चौहान
1980 में कांग्रेस के केएन प्रधान
1977 में जेएनपी के महादेव अयातूराम
इछावर
राजधानी भोपाल से 57 किलोमीटर दूर इछावर सीट बीजेपी का गढ़ है। 1998 और 2013 को छोड़कर 1985 से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है। इछावर सीट से एक मिथक जुड़ा हुआ है कि इस सीट पर जो भी मुख्यमंत्री गया है उसे अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी है।
2018 में बीजेपी के करण सिंह वर्मा
2013 में कांग्रेस के शैलेंद्र रमेश चंद्र पटेल
2008 में बीजेपी के करण सिंह वर्मा
2003 में बीजेपी के करण सिंह वर्मा
1998 में निर्दलीय देरहु प्रसाद धृतलहरे
1993 में बीजेपी के करण सिंह वर्मा
1990 में बीजेपी के करण सिंह वर्मा
1985 में बीजेपी के करण सिंह कनहियालाल
1980 में कांग्रेस के हरिचरण वर्मा
1977 में जेएनपी के गोफेलाल कुर्री
आष्टा
आष्टा विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। बीते छह चुनाव से बीजेपी का कब्जा है। बीजेपी यहां दो बार हैट्रिक लगा चुकी है । सीट पर सबसे ज्यादा मालवीय और सेंधव समाज के वोट है, लेकिन खाती, मेवाड़ा और मुस्लिम मतदाता भी निर्णायक भूमिका में होते है। बीजेपी किले को ढहाने के लिए कांग्रेस भारी भरकस प्रयास कर रही है, लेकिन सत्ता से दूर है।
2018 में बीजेपी के रघुनाथ मालवीय
2013 में बीजेपी के रंजीत सिंह गुनवान
2008 में बीडेपी के रंजीत सिंह गुनवान
2003 में बीजेपी के रघुनाथ सिंह मालवीय
1998 में कांग्रेस के मंटुराम पवार
1993 में बीजेपी के रंजीत सिंह गुनवान
1990 में बीजेपी के नंद किशोर खत्री
1985 में कांग्रेस के अजीत सिंह उमरराव सिंह
1980 में बीजेपी के देवीलाल रेकवाल
1977 में जेएनपी के गडरू राम
Created On :   6 July 2023 5:42 PM IST