पांच अगस्त भारत का बनता एतिहासिक दिन

पांच अगस्त भारत का बनता एतिहासिक दिन
  • 5 अगस्त बनता खास दिन
  • जम्मू कश्मीर से धारा 370
  • समान नागरिक संहिता लाने की तैयारी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अयोध्या राम मंदिर भूमि पूजन, जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटाने के बाद अब 5 अगस्त को संसद में केंद्र सरकार समान नागरिक संहिता बिल लाने की तैयारी में है। अगर ऐसा होता है तो 5 अगस्त खास दिनों में गिना जाएगा।

5 अगस्त बनता खास दिन

5 अगस्त 2019 को गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने का प्रस्ताव रखा जो लोकसभा और राज्यसभा में बहुमत के आधार पर पास हुआ था। इस मामले में कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर निशाना साधाने के साथ ही कश्मीर के लोगों से अधिकार छीनने का आरोप लगाया था।

हाल ही में बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से भोपाल में दिए गए बयान के बाद से यूसीसी पर चर्चा होना तेज हो गई है। संसदीय स्थायी समिति ने भी यूसीसी को लेकर 3 जुलाई को बैठक बुला ली है। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पहले ही कह चुके हैं कि यूसीसी को लेकर 13 जुलाई तक इंतजार करना चाहिए। माना जा रहा है कि अगस्त माह की 5 तारीख को मॉनसून सत्र के दौरान यूसीसी बिल संसद में पेश किया जा सकता है। हालांकि अभी मानसून सत्र की तारीख सामने नहीं आई है, लेकिन माना जा रहा है कि मॉनसून सत्र 17 जुलाई से शुरू होकर 10 अगस्त तक चल सकता है।

यूसीसी बिल को पांच अगस्त को पेश करने के पीछे की वजह बीजेपी के एतिहासिक फैसले बता जा रहे है। बीजेपी ने अपने दोनों चुनावी मुद्दे 5 अगस्त को पूरे किए। जिनमें राम मंदिर और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का वादा शामिल है, 5 अगस्त के कनेक्शन को देखते हुए अब ये सामने आ रहा है कि बीजेपी 5 अगस्त के दिन ही यूसीसी बिल को सदन में पेश कर सकती है।

क्या है यूसीसी

समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड हर धर्म के लिए एक कानून होगा। देश में अभी अलग-अलग धर्मों के लिए शादी, तलाक, संपत्ति, उत्तराधिकार जैसे मसलों को लेकर अलग-अलग कानून हैं। बीजेपी सरकार का मानना है कि यूसीसी लागू होने के बाद हर धर्म के लोगों के लिए एक समान कानूनी व्यवस्था होगी।

अयोध्या राममंदिर मामले में लंबी कानूनी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप ही समिति बनाकर मंदिर निर्माण की प्रक्रिया जारी है। पांच अगस्त के दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में राम मंदिर का शिलान्यास हुआ। निश्चित ही राम मंदिर के निर्माण को लेकर समस्त हिन्दूओं में खुशी का माहौल है। खुशी और एकता की सफलता के एतिहासिक दिन के पीछे पांच दशकों की राजनीतिक मेहनत, सूक्ष्म राजनीतिक सोच, कौशल और संघर्ष का हाथ है, जो एक एतिहासिक दिन बन गया। पांच अगस्त के दिन जोर-शोर से राम मंदिर भूमि पूजन कार्यक्रम किया गया।अयोध्या को पीले रंग से रंग दिया गया था। इस दिन विपक्षी दलों की ओर से केंद्र सरकार पर निशाने साधे गए थे। उस समय कांग्रेस पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा था कि अयोध्या में भूमि पूजन राष्ट्रीय एकता का कार्यक्रम बनना चाहिए, हिंदुत्व राजनीति के चलते अयोध्या को लेकर कांग्रेस की तरफ से सधी हुई प्रतिक्रियाएं देखने को मिली थी। दिग्विजय सिंह ने मुहूर्त के समय पर सवाल खडे किए थे। संघ द्वारा बनाई गई हिंदुत्व की पिच पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने राजनीति की पारी खेलते हुए सत्ता का मजा चका। और अब अंतत राम मंदिर का निर्माण पूरे होने की कंगार पर है, शुरू से लेकर अंत तक दलों की ओर से धार्मिक भावनाओं की राजनीति देखने को मिली।

Created On :   30 Jun 2023 8:32 PM IST

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