कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023: पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार को हुबली-धारवाड़ सेंट्रल सीट पर बीजेपी की ओर से महेश तेंगिनाकाई दे रहे हैं कड़ी टक्कर, जानें कौन मारेगा बाजी?

कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023: पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार को हुबली-धारवाड़ सेंट्रल सीट पर बीजेपी की ओर से महेश तेंगिनाकाई दे रहे हैं कड़ी टक्कर, जानें कौन मारेगा बाजी?
दोनों नेता लिंगायत समुदाय का बड़ा चेहरा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। छह बार विधायक और एक बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे जगदीश शेट्टार जब से कांग्रेस में शामिल हुए हैं, तभी से उनका हुबली-धारवाड़ सेंट्रल विधानसभा सीट अचानक सुर्खियों में आ गया है। इस बार के चुनाव में जगदीश शेट्टार के साथी रहे महेश तेंगिनाकाई उन्हें इसी सीट से बीजेपी की ओर से चुनावी मैदान में टक्कर दे रहे हैं। राज्य में विधानसभा चुनाव होने में महज तीन दिन का समय बचा है। प्रदेश की राजनीतिक के अलावा जगदीश शेट्टार की सीट पर भी गहमागहमी तेज है। इन दोनों नेताओं के बीच का मुकाबला इसलिए भी दिलचस्प हो जाता है, क्योंकि ये दोनों नेता लिंगायत समुदाय का बड़ा चेहरा है। इसके अलावा संगठन में भी दोनों नेताओं की अच्छी पकड़ है।

दरअसल, इस बार के चुनाव में बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार को टिकट नहीं दिया था, जिसके बाद वह कांग्रेस का शामिल हो गए और वह अपने सीट हुबली-धारवाड़ सेंट्रल से कांग्रेस की ओर से चुनाव लड़ रहे हैं। जगदीश शेट्टार हुबली-धारवाड़ सीट से विधायक थे और वो 2012 से 2013 के बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री भी बने हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान जगदीश शेट्टार 21 हजार वोटों से जीत हासिल किया था।

इधर, जब महेश तेंगिनाकाई को बीजेपी की ओर से टिकट मिला है। टिकट मिलने पर उन्होंने बीजेपी का शुक्रियादा करते हुए कहा था कि पार्टी ने उन्हें पहचान लिया और साधारण से पार्टी कार्यकर्ता को टिकट दे दी। साथ ही उन्होंने पार्टी को भरोसा दिलाया कि वह इस बार के चुनाव में बड़े अंतर से जीतेंगे। इसके अलावा उन्होंने अपने क्षेत्र की जनता के साथ काम करने का वादा किया और उन्होंने कहा कि वह हुबली-धारवाड़ को मॉडल सिटी बनाने काम करेंगे।

जानें कौन हैं महेश तेंगिनाकाई?

महेश तेंगिनाकाई पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं और वे इस वक्त कर्नाटक बीजेपी के महासचिव हैं। बीजेपी से जुड़े एक नेता ने बताया कि तेंगिनाकाई ने पार्टी की जिम्मेदारी को संभालने का काम किया है। वो हुबली-धारवाड़ क्षेत्र से एक मजबूत उम्मीदवार हैं। बता दें कि, यहां का मुकाबला बहुत ज्यादा टक्कर का है। तेंगिनाकाई युवा मोर्चा से भी जुड़े रहे हैं और वह राज्य में संगठनात्मक जिम्मेदारी निभाने का काम किया है। इसके अलावा उन्होंने अपने क्षेत्र में बहुत काम किया है। यहीं वजह है कि बीजेपी ने जगदीश शेट्टार जैसे दिग्गज नेता की जगह महेश तेंगिनाकाई को टिकट देना बेहतर समझा।

तेंगिनाकाई के लिए असान नहीं राहें

लेकिन बीजेपी की ओर से चुनाव लड़ रहे महेश तेंगिनाकाई के लिए हुबली-धारवाड़ सेंट्रल सीट से जीत पाना असान नहीं है, क्योंकि इस सीट पर जगदीश शेट्टार की पकड़ बहुत ज्यादा है। उनको सियासत विरासत में मिली है। शेट्टार के पिता एसएस शेट्टार हुबली-धारवाड़ के मेयर रहे हैं। इसके अलावा उनके भाई एमएलसी और चाचा विधायक हैं। इसलिए जगदीश शेट्टार को हुबली धारवाड़ क्षेत्र में हरा पाना आसान बात नहीं है।

पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार की छवि भी साफ है। उनके पास करीब पांच दशक का राजनीतिक अनुभव है। इस दौरान वे विधायक से लेकर प्रदेश की राजनीतिक का भी बागडोर संभाल चुके हैं। इस दौरान उनके राजनीतिक जीवन पर किसी तरह का दाग नहीं लगा हैं। राज्य में 10 मई को मतदान होगा और 13 मई को नतीजे आएंगे। उसके बाद ही हुबली-धारवाड़ सीट से स्थिति साफ हो पाएगी। लेकिन यह सीट चुनाव से पहले चर्चा का बिषय बना हुआ है। अब देखने वाली बात ही होगी, इस सीट से जीत की बाजी कौन मरेगा?

Created On :   7 May 2023 4:20 PM IST

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