रिपोर्ट: आईसीएमआर डेटा लीक में 81.5 करोड़ भारतीयों की निजी जानकारी डार्क वेब तक पहुंची

आईसीएमआर डेटा लीक में 81.5 करोड़ भारतीयों की निजी जानकारी डार्क वेब तक पहुंची
देशवासियों के विवरण डार्क वेब पर महज कुछ पैसों में आसानी से उपलब्‍ध हैं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बड़े पैमाने पर डेटा उल्लंघन में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के लीक डाटा से 81.5 करोड़ से अधिक देशवासियों के विवरण डार्क वेब पर महज कुछ पैसों में आसानी से उपलब्‍ध हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, इसमें नाम, फ़ोन नंबर और पते के साथ आधार और पासपोर्ट विवरण जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां भी शामिल हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए, आईसीएमआर द्वारा शिकायत दर्ज करने के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से घटना की जांच करने की उम्मीद है।

यूएस-आधारित साइबर सुरक्षा और खुफिया फर्म रिसिक्योरिटी द्वारा देखे गए डेटा उल्लंघन में उल्लेख किया गया है कि "9 अक्टूबर को, 'पीडब्‍ल्‍यूएन0001' उपनाम से जाने जाने वाले एक असामाजिक तत्‍व ने ब्रीच फ़ोरम पर एक थ्रेड पोस्‍ट किया था जिसमें 81.5 करोड़ 'भारतीय नागरिकों के आधार और पासपोर्ट' रिकॉर्ड तक पहुंच की दलाली की गई थी।"

इसके अलावा, साइबर सुरक्षा विश्लेषकों को लीक हुए नमूनों में से एक मिला जिसमें भारतीय निवासियों से संबंधित पीआईआई (व्यक्तिगत रूप से पहचान योग्य जानकारी) के एक लाख रिकॉर्ड थे। इस नमूना लीक में, विश्लेषकों ने वैध आधार कार्ड आईडी की पहचान की, जिनकी पुष्टि एक सरकारी पोर्टल के माध्यम से की गई जो "सत्यापित आधार" सुविधा प्रदान करता है। विश्लेषक धमकी देने वाले से संपर्क करने में भी कामयाब रहे और उन्हें पता चला कि वे पूरे आधार और भारतीय पासपोर्ट डेटासेट को 80,000 डॉलर (66 लाख रुपये से अधिक) में बेचने के इच्छुक थे।

हालाँकि, असामाजिक तत्‍व ने यह बताने से इनकार कर दिया कि उन्हें डेटा कैसे प्राप्त हुआ। पिछले महीने, साइबर सुरक्षा शोधकर्ताओं ने पाया कि झारखंड में आयुष मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट में सेंध लग गई थी, जिससे 3.2 लाख से अधिक मरीजों के रिकॉर्ड डार्क वेब पर उजागर हो गए थे। साइबर सुरक्षा कंपनी क्‍लाउडएसईके के अनुसार, वेबसाइट का डेटाबेस, जो 7.3 एमबी का है, मरीज़ों के रिकॉर्ड रखता है जिसमें पीआईआई और चिकित्सा निदान शामिल हैं।

लीक डेटा में डॉक्टरों के बारे में संवेदनशील जानकारी भी शामिल है, जिसमें उनकी पीआईआई, लॉगिन क्रेडेंशियल, यूजर नेम, पासवर्ड और फोन नंबर शामिल हैं। डेटा उल्लंघन की शुरुआत "तनाका" नामक एक असामाजिक तत्‍व द्वारा की गई थी।

--आईएएनएस

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   1 Nov 2023 3:22 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story