मानसिक स्वास्थ्य और प्रार्थना वाले ऐप पर प्राइवेसी खतरे में

Privacy at risk on mental health and prayer apps
मानसिक स्वास्थ्य और प्रार्थना वाले ऐप पर प्राइवेसी खतरे में
साइबर खतरा मानसिक स्वास्थ्य और प्रार्थना वाले ऐप पर प्राइवेसी खतरे में

डिजिटल डेस्क, नयी दिल्ली। मानसिक स्वास्थ्य और प्रार्थना वाले ऐप पर यूजर्स की प्राइवेसी सबसे अधिक खतरे में होती है।

द वर्ज के अनुसार, मोजिला के शोधकर्ताओं के नये विश्लेषण के मुताबिक ऐसे 32 ऐप का विश्लेषण किया। ये ऐप अवसाद, मानसिक स्वास्थ्य जागरुकता और तनाव आदि मुद्दों के बारे में बताते हैं। ये धर्म आधारित सेवायें भी देते हैं।

मोजिला टीम ने कहा कि इन 32 ऐप में से 29 ऐप पर प्राइवेसी पॉलिसी नहीं। ये ऐप यूजर्स के डाटा का प्रबंधन कैसे करते हैं, टीम इसको लेकर सशंकित थी।

मोजिला की टीम का कहना है कि ये ऐप मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित संवेदनशीन मुद्दों के लिये डिजाइन किये गये हैं और ये प्राइवेसी पॉलिसी के नाम पर यूजर्स से बहुत ही अधिक पर्सनल डाटा मांगते हैं।

ये ऐप बहुत ही कमजोर पासवर्ड के साथ यूजर्स को रजिस्टर करने देते हैं।

मोजिला की इस टीम के प्रमुख जेन कैल्ट्राइडर ने कहा कि ये ऐप यूजर्स को ट्रैक करते हैं और उनके पर्सनल डाटा को साझा करते हैं। ये यूजर्स के मूड, मानसिक स्थिति और बायोमेट्रिक डाटा को भी साझा कर देते हैं।

मोजिला के मुताबिक बेटर हेल्प, यूपर, वोबोॅट, बेटर स्टॉप सुसाइड, प्रे डॉट कॉम और टॉक स्पेस ऐसे ही ऐप हैँ। वोबॉट यूजर्सके डाटा को विज्ञापन के लिये साझा करता है।

मोजिला ने इन ऐप को भेड़ की खाल में भेड़िया कहा है। ये ऐप डाटा लेने वाली मशीन की तरह काम करते हैं।

(आईएएनएस)

Created On :   2 May 2022 10:30 PM IST

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