ओटीपी आधारित साइबर अपराध पड़ा पुराना, डेटा चोरी है असली चुनौती

OTP based cyber crime is old, data theft is the real challenge
ओटीपी आधारित साइबर अपराध पड़ा पुराना, डेटा चोरी है असली चुनौती
साइबर अपराध ओटीपी आधारित साइबर अपराध पड़ा पुराना, डेटा चोरी है असली चुनौती

डिजिटल डेस्क, अहमदाबाद। साइबर अपराध की दुनिया हर दिन एक नए क्षेत्र में प्रवेश कर रही है, जो जांचकर्ताओं के लिए एक नई चुनौती लेकर आई है। जामताड़ा ओटीपी आधारित अपराध से शुरू हुआ सफर डाटा चोरी, पैसे की हेराफेरी और रंगदारी तक पहुंच गया है। अपराध शाखा, अहमदाबाद के संयुक्त पुलिस आयुक्त प्रेम वीर सिंह का मानना है कि डेटा सुरक्षा एक बड़ी चुनौती होगी।

प्रेम वीर सिंह ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, कुछ साल पहले सबसे अधिक साइबर अपराध की शिकायतें बैंक ओटीपी का उपयोग करके पैसे की हेराफेरी की थीं और अधिकांश अपराध जामताड़ा के लोगों द्वारा किए गए थे, जिसे आज के साइबर अपराध की दुनिया में बुनियादी अपराध कहा जा सकता है।

अब साइबर क्राइम की दुनिया ने नए तरीके विकसित कर लिए हैं। नवीनतम सेक्सटॉर्शन है, जिसमें एक महिला एक पुरुष को फोन पर फुसलाती है, वे दोस्त बन जाते हैं और एक दिन वह पीड़िता को नग्न होने के लिए प्रेरित करते हुए एक वीडियो कॉल करती है। इसे रिकॉर्ड किया जाता है और ब्लैकमेल और पैसे निकालने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। सिंह ने कहा कि हाल के दिनों में ऐसी शिकायतों की संख्या बढ़ी है।

दूसरा तरीका सिम कार्ड स्वैपिंग है, जिसमें पीड़ित के मोबाइल सिम कार्ड की अदला-बदली की जाती है और बाद में उसके खाते से पैसे निकाल लिए जाते हैं।

एक चीनी एप के जरिए माइक्रो फाइनेंस ने उन लोगों को ठगा है, जिन्होंने 10,000 रुपये से लेकर 20,000 रुपये तक के छोटे कर्ज के लिए इन ऐप का इस्तेमाल किया है। अधिकारी ने कहा कि जब एप्लिकेशन डाउनलोड किया जाता है, तो एप उपयोगकर्ता के डेटा तक पहुंचने की अनुमति लेता है और फिर उधारकर्ता के रिश्तेदारों और दोस्तों से संपर्क करना शुरू कर देता है और पैसे निकालने के लिए कर्जदार को ब्लैकमेल करता है।

अन्य नए तरीके हैं बैंक अकाउंट नंबर फिशिंग के जरिए गूगल सर्च इंजन के जरिए फिशिंग, हेल्पलाइन नंबर, जरूरतमंद दोस्तों के द्वारा मोडस ऑपरेंडी, गिफ्ट भेजने के वादे के साथ, जमा पैसे मांगेगा। नाइजीरियाई गिरोह तेल कारोबार में भारी मुनाफे का वादा करके व्यापारियों को सचमुच लूटते हैं। साइबर अपराध का एक अन्य तरीका कम प्रीमियम वाली बीमा पॉलिसी है, जबकि नवीनतम संदेश बिजली आपूर्ति को डिस्कनेक्ट करने की चेतावनी है क्योंकि उपभोक्ता ने समय पर बिल का भुगतान नहीं किया है।

लेकिन सबसे ज्यादा चिंताजनक और खतरनाक है उपभोक्ताओं के कंप्यूटर में इंस्टॉल मालवेयर। ऐसे मालवेयर के जरिए साइबर अपराधी न सिर्फ उपभोक्ताओं की बैंक डिटेल्स चुरा रहे हैं, बल्कि सिम कार्ड की अदला-बदली कर पैसे भी उड़ा रहे हैं। एक कंपनी की शिकायत की जांच करने पर साइबर क्राइम टीम ने पाया कि इस तरह के मैलवेयर कई कंपनियों के कंप्यूटर में इंस्टॉल किए गए थे। एक अधिकारी ने कहा कि टीम ने सभी कंपनियों को सूचित किया और सावधानी बरतने की सलाह दी।

जेसीपी क्राइम ब्रांच ने कहा कि आने वाले दिनों में डेटा सुरक्षा एक चुनौती होगी और कंपनियों और व्यक्तियों को साइबर हमलावरों और अपराधियों के खिलाफ डेटा सुरक्षा के लिए अधिकतम प्रयास करने होंगे।

(आईएएनएस)

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   28 Aug 2022 7:30 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story