Seoni News: टेस्टिंग के आगे नहीं बढ़ी बात, कब संवरेगा दलसागर तालाब
- डेढ़ माह में भी शुरु नहीं हुआ म्युजिकल साउंड
- लाइटिंग फाउंटेन स्थापना का काम प्रारंभ
- एक माह में करना था स्थापित
Seoni News: शहर के ऐतिहासिक दलसागर तालाब में म्युजिकल साउंड एण्ड लाइटिंग फाउंटेन स्थापित करने का काम टेस्टिंग के आगे नहीं बढ़ पाया है। नवंबर माह के प्रारंभ में साजोसामान सिवनी पहुंचने के बाद फाउंटेन की यूनिट तालाब में उतारकर टेस्टिंग शुरु की गई थी। दो फाउंटेन यूनिट तालाब में उतारकर की गई टेस्टिंग कई दिनों तक चली थी। नगर पालिका परिषद ने दावा किया था कि नवंबर माह तक म्युजिकल साउंड एण्ड लाइटिंग फाउंटेन स्थापित कर दिया जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। इस मामले में अब नगर पालिका के अधिकारी कह रहे हैं कि म्युजिकल साउंड एण्ड लाइटिंग फाउंटेन स्थापित करने के लिए जारी फण्ड को लेकर कुछ तकनीकी दिक्कत आ गई है। इस संबंध में भोपाल पत्र भेजा जा रहा है, जिसके बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी।
पानी व लाइटिंग से दिखेंगे आकर्षक नजारे
फिलहाल म्युजिकल साउंड एण्ड लाइटिंग फाउंटेन को लेकर पेंच फंस गया है, लेकिन नगर पालिका के अधिकारी कह रहे हैं कि जल्द ही इसकी स्थापना का काम प्रारंभ होगा। बीएसएनएल कार्यालय के सामने से सोमवारी चौक मार्ग की ओर जहां विसर्जन कुण्ड बनाया गया है, वहां फाउंटेन स्थापित होगा। फाउंटेन व लाइटिंग से आकर्षक नजारे निर्मित होंगे। नगर पालिका द्वारा यहां शाम के समय प्रतिदिन शो आयोजित करने लोगों के लिए बैठक व्यवस्था करने के साथ ही शेड बनाने की योजना भी तैयार की है। तालाब को चारों ओर से आकर्षक लाइट से जगमग करने की भी योजना है।तालाब के चारों ओर 120 पोल लगाए जाएंगे। लाइटिंग वाले ये पोल दलसागर तालाब के आकर्षण को और बढ़ाएंगे।
फुटब्रिज का फंसा है पेंच
दलसागर तालाब में नगर पालिका ने एक करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से चौपाटी से तालाब के बीच में बने टापू तक फुटब्रिज के निर्माण का कार्य भी प्रारंभ कराया था। हालांकि आद्र्र भूमि नियम 2017 का हवाला देते देते हुए अधिवक्ता नवेन्दु मिश्रा द्वारा एनजीटी भोपाल में याचिका दायर किए जाने के बाद एनजीटी ने निर्माण पर रोक लगाने के साथ ही नगर पालिका पर 4.80 करोड़ रुपए जुर्माना भी अधिरोपित किया था। बाद में एनजीटी ने फुटब्रिज तोडऩे का आदेश भी जारी किया थाञ हालांकि ठेकेदार ने उसका भुगतान न होने का हवाला देते हुए एनजीटी पहुंच गया था।आदिवासी समाज भी आगे आ गया, जिसके बाद एनजीटी में मामला विचाराधीन बताया जा रहा है।
Created On :   16 Dec 2024 10:47 PM IST