Shahdol News: ओपीएम में गैस रिसाव की जांच करने कलेक्टर ने गठित की टीम, 24 घंटे में मांगी रिपोर्ट

ओपीएम में गैस रिसाव की जांच करने कलेक्टर ने गठित की टीम, 24 घंटे में मांगी रिपोर्ट
  • ओपीएम सोडा फैक्ट्री जांच पूरी होने तक बंद
  • कलेक्टर ने की जांच टीम गठित
  • ओपीएम डिस्पेंसरी में दवाएं नहीं

Shahdol News: ओरियंट पेपर मिल (ओपीएम) की सोडा फैक्ट्री यूनिट में गैस रिसाव का जायजा लेने रविवार सुबह अनूपपुर कलेक्टर हर्षल पंचोली फैक्ट्री पहुंचे। ओपीएम सोडा फैक्ट्री प्रबंधन के अधिकारियों से गैस रिसाव की जानकारी ली और फैक्ट्री के आसपास रहने वाले परिवारों को सुरक्षा उपकरण प्रदाय करने के निर्देश दिए। हादसे की जांच के लिए चार सदस्यीय टीम गठित कर २४ घंटे में रिपोर्ट मांगी। बता दें कि शनिवार शाम हादसे के बाद से सोडा फैक्ट्री इकाई अनूपपुर कलेक्टर के निर्देश पर रविवार को भी बंद रही। कलेक्टर ने जांच पूरी होने तक इकाई को बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं। निरीक्षण में यह बात भी सामने आई कि फैक्ट्री में लगे कल पुर्जे पुरानी पद्धति के बने हुए हैं, जिनकी वजह से बार-बार लीकेज की समस्या उत्पन्न होती है। हादसे को लेकर प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सोडा फैक्ट्री में 30 टीपीडी एचसीएल प्लांट से गैस लीकेज के बाद फैक्ट्री का इमरजेंसी सायरन नहीं बजा। गैस लीकेज के दौरान हवा की दिशा फैक्ट्री के बजाए आबादी की ओर होने के कारण बरगवां के वार्ड क्रमांक तीन के साथ ही आसपास के रहवासियों को सांस लेने में तकलीफ हुई। आंखों में जलन और उल्टी के बाद चक्कर आने लगे। इसके फौरन बाद लोग घरों से बाहर निकले और इलाज के लिए पहले ओपीएम डिस्पेंसरी पहुंचे। वहां बेहतर इलाज की सुविधा नहीं होने पर 14 लोगों को मेडिकल कॉलेज शहडोल रैफर किया गया। इधर कलेक्टर द्वारा गठित जांच टीम में सीइओ जिला पंचायत तन्यम वशिष्ठ शर्मा, संयुक्त कलेक्टर डीके पांडेय, एसडीएम अनूपपुर दीपशिखा भगत और ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के कार्यपालन यंत्री सुगंध प्रताप ङ्क्षसह शामिल हैं। रविवार को पीसीबी (प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) के अधिकारी भी सोडा फैक्ट्री पहुंचे और गैस रिसाव से आमलोगों को हुए नुकसान की जांच प्रारंभ की।

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सवाल करते ही चक्कर खाकर गिरे जीएम

सोडा फैक्ट्री में कलेक्टर ने प्रबंधन के जीएम अविनाश शर्मा से हादसे को लेकर सवाल किया तो वे चक्कर खाकर गिर पड़े। फौरन ही उन्हें इलाज के लिए अस्पताल भिजवाया गया। इस दौरान जीएम को भी अस्पताल ले जाने के लिए समय पर एंबुलेंस नहीं मिली।

ओपीएम डिस्पेंसरी में दवाएं नहीं, डॉक्टर के बजाए कम्पाउंडर के भरोसे इलाज

मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों ने हादसे के बाद ओपीएम की डिस्पेंसरी में बदइंतजामी बयां की। इलाज के लिए भर्ती सुरेंद्र गुप्ता, पारस कुमार सिंह, शेख अहनुद्दीन, शेख आफताब, विश्वनाथ कहार, घनश्याम ताती, राज केवट, रागिनी कहार, शबनम बानो, माधुरी तिवारी, नफीसा खातून, संजीदा, आयशा परवीन व चंदा कहार सहित अन्य ने बताया कि सांस लेने में तकलीफ के बाद ओपीएम डिस्पेंसरी पहुंचे तो डॉक्टर नहीं थे। कम्पाउंडर के भरोसे इलाज किया जा रहा था। लोगों को ऑक्सीजन देने एक ही सिलेंडर था वह भी थोड़ी देर में खत्म हो गया। दवाएं भी बाजार से मंगवाई जा रही थी।

Created On :   23 Sept 2024 4:22 AM GMT

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