Seoni News: धान खरीदी केंद्रों में पहले दिन पसरा सन्नाटा, नहीं हुई आवक
- उपार्जन के लिए बनाए गए हैं जिले में 62 केन्द्र
- आवश्यक इंतजाम का प्रशासन का दावा
- नहीं पहुंचाए गए बारदाना
Seoni News: सोमवार से जिले में धान उपार्जन का काम शुरु हो गया। केंद्र खुल गए लेकिन पहले दिन एक भी केंद्र में किसान नहीं पहुंचे। जिले में धान उपार्जन के लिए ६२ केंद्र बनाए गए हैं। इस बीच मौसम का मिजाज भी बदलता नजर आ रहा है। ऐसे में केंद्रों में बारिश से बचाव के इंतजाम की जरूरत है। अबतक कई केंद्र ऐसे हैं जहां पर किसानों की उपज रखने के लिए बारदाना ही नहीं पहुंच सके हंै। जिले में लगभग ५२ हजार किसानों ने अपनी उपज के उपार्जन के लिए पंजीयन कराया है। शासन की नीति के तहत सोमवार से धान खरीदी की शुरूआत होनी थी किन्तु खरीदी केंद्रों में पर्याप्त व्यवस्थाएं नजर नहीं आईं। जिला प्रशासन ने खरीदी केंद्रों में छाया, पानी, अलाव जैसे आवश्यक इंतजामों के निर्देश काफी पहले दे चुके हैं लेकिन पहले दिन केंद्रों में इन इंतजामों का अभाव नजर आया।
केंद्रों में विवादों का साया, देनदारी के बावजूद बनाया गया केन्द्र
इस साल धान खरीदी के लिए ६२ केंद्र अब तक बनाए गए हैं। इनमें से कुछ केंद्रों में विवादों का साया बना हुआ है। धारनाकला की सेवा सहकारी समिति धारनाकला में समिति से लेनदारी के रूप मे उपार्जन कार्य का ही लगभग 36 लाख रुपए बकाया है। इसके बाद भी उसे एक नहीं बल्कि दो-दो उपार्जन केन्द्र आवंटित भी हो गए। जिसमें धारनाकला तथा केकड़ई केन्द्र शामिल है। वहीं दूसरी तरफ धारनाकला समिति से जुड़ा उपार्जन केन्द्र बेहरई जो कि नियमानुसार समिति को लेना था किन्तु समिति ने यह केन्द्र लेना मुनासिब नहीं समझा। जबकि लगातार यह उपार्जन केन्द्र बेहरई धारनाकला समिति का हिस्सा रहा है तथा बेहरई से लगे ग्रामों के किसान धारनाकला समिति पर आश्रित रहे हैं। इस मामले में विभागीय अधिकारियों का कहना है कि लगातार दो वर्षों तक खरीफ तथा रबी फसल का उपार्जन कार्य न करने वाली समितियां नियमानुसार वसूली होते हुए भी उपार्जन के लिए पात्र होती हैं तथा वसूली योग्य राशि बैंक से वसूल की जा सकती है। इस संबंध में सोमवार को जिला पंचायत सीईओ ने भी विभिन्न निर्देश दिए हैं।
कई केंद्रों का हुआ उद्घाटन
सोमवार को खरीदी का पहला दिन था। पहले दिन ३५ स्लॉट बुक किए गए थे। सोमवार को कई केंद्रों का स्थानीय प्रतिनिधियों की उपस्थिति में उद्घाटन किया गया।
शीघ्र दिए जाएं बारदाने
वर्तमान में किसी भी केंद्र में बारदाने नहीं पहुंच चुके हैं। अधिकारियों का कहना है कि कुल खरीदी के अनुमान के अनुसार अभी १५ प्रतिशत बारदानों की मांग की गई है। खरीदी बढऩे के साथ-साथ बारदाने की व्यवस्था कराई जाएगी। इस बार धान खरीदी के लिए ६२ केंद्र बनाए गए हैं। जिसमें से ४६ केंद्र गोदाम स्तरीय हैं। अधिकारियों का कहना है कि चोरी जैसी घटनाओं, बारिश की आशंका को देखते हुए गोदामों को अधिक केंद्र बनाया गया है। जिससे किसानों को परेशान न होना पड़े। इस साल विभाग ने २.८० लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य रखा है।
पहले ही दिन मौसम ने चेताया
भले फेंगल तूफान कमजोर पड़ गया हो लेकिन जिले के आसमान पर सोमवार को बादलों का डेरा बना रहा। जिसने आगामी दिनों में बारिश की आशंका के मद्देनजर आवश्यक सुरक्षा इंतजाम करने का इशारा किया है। बीते बरसों में कई बार ऐसी स्थिति बन चुकी है कि बारिश के कारण किसानों की मेहनत खराब हो गई। कई स्थानों पर बारिश के कारण धान अंकुरित होने तक की स्थिति बनती देखी गई है। मौसम विभाग का आंकलन है कि इस साल जिले में अच्छी खासी ठंड पड़ सकती है। ऐसे में जरूरी है कि किसानों के लिए अलाव और छाया जैसे इंतजाम समय रहते कर लिए जाएं ताकि बाद में किसानों को परेशानी का सामना न करना पड़े।
एक नजर में धान खरीदी
कुल खरीदी केंद्र ६२
गोदाम स्तरीय ४६
पंजीकृत किसान ५२ हजार
लक्ष्य २.८० लाख एम.टी.
पहले दिन आवक ०.०
इनका कहना है?
जिले में बनाए गए ६२ केंद्रों में पहले दिन किसी किसान ने धान उपार्जन नहीं कराया है। केंद्रों में आवश्यक इंतजामों के लिए निर्देश दिए गए हैं।
विवेक रंगारी, जिला प्रबंधक, नागरिक आपूर्ति निगम
Created On :   3 Dec 2024 10:14 AM IST