Chhindwara News: पीएम स्वनिधि योजना में प्राइवेट बैंक की सहभागिता अब शून्य हो गई
- लोन रिटर्न की गारंटी नहीं
- कोरोना के समय शुरू हुई थी योजना
- स्ट्रीट वेंडर्स को बिना गारंटी दिलवाना था लोन
Chhindwara News: कोविड के दौरान केंद्र सरकार ने पीएम स्वनिधि योजना शुरू की थी। जिसमें स्ट्रीट वेंडर्स को आत्मनिर्भर बनाने बैंकों के जरिए बिना गारंटी के लोन दिलवाया जाता है। शुरुआती साल में प्राइवेट बैंकों ने तो खाताधारक स्ट्रीट वेंडर्स को लोन बांटे लेकिन अब इनकी सहभागिता शून्य हो गई है। पड़ताल में सामने आया है कि लोन रिटर्न की गारंटी नहीं होने से प्राइवेट बैंकों ने इस योजना से दूरी बना ली है।
जानकारी अनुसार कोविड काल के दौरान केंद्र सरकार ने हाथ ढेला चालक, रेहड़ी पटरी वालों को आत्मनिर्भर बनाने पीएम स्वनिधि योजना शुरु की थी। जिसमें स्ट्रीट वेंडर्स को बिना गारंटी के १० हजार रुपए का लोन बैंक से उपलब्ध कराया जाता है। नगर निगम क्षेत्र में इस योजना के लिए अब तक १८ हजार ६०३ स्ट्रीट वेंडर्स ने आवेदन दिया था। १६ हजार ४६७ आवेदकों के आवेदन स्वीकृत किए गए। इनमें से बैंकों ने १५ हजार ९०७ आवेदकों को २३ करोड़ रुपए से ज्यादा का लोन स्वीकृत किया है। इनमें सरकारी बैंकों की हिस्सेदारी ९२ प्रतिशत है।
एसबीआई ने दिया सबसे ज्यादा लोन: पीएम स्वनिधि योजना के हितग्राहियों को बिना गारंटी लोन देने वाले बैंकों में एसबीआई, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, महाराष्ट्री बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक सहित अन्य सरकारी बैंक शामिल हैं। इनमें सबसे ज्यादा लोन देेने वाले बैंकों में एसबीआई आगे है।
6.5 प्रतिशत स्ट्रीट वेंडर्स के खाते एनपीए
इस योजना में लाभ लेने वाले १० हजार ६५८ हितग्राहियों को पहली बार १० हजार रुपए का लोन दिया गया। इनमें से ४ हजार २९२ को समय पर लोन चुकाने पर २० हजार का लोन स्वीकृत किया गया। इसी तरह दूसरा कर्ज भी समय चुकाने वाले ९५७ को ५० हजार रुपए का कर्ज स्वीकृत किया गया है। इस तरह १५ हजार ९०७ में से १०३६ के खाते एनपीए हो गए हैं।
इनका कहना है
योजना के शुरुआती साल में प्राइवेट बैंकों ने लोन दिया, लेकिन इसके बाद हिस्सेदारी कम हो गई। हालांकि इस योजना में स्वीकृत आवेदनों में सरकारी बैंकों ने ९२ प्रतिशत तक कर्ज रिलीज किया है।
उमेश प्यासी, सिटी मिशन मैनेजर
Created On :   17 Dec 2024 9:33 AM IST