Panna News: सरकारी अस्पताल में नर्सिंग आफिसर बेंच रही है गर्भपात की दवा

सरकारी अस्पताल में नर्सिंग आफिसर बेंच रही है गर्भपात की दवा
  • फोन पे में 550 रूपए लेकर एप्रिन से निकाला
  • नर्स ने युवक को सौंपी अबॉर्शन किट
  • सीएमएचओ बोले मामला गंंभीर, जांच कर की जायेगी कार्यवाही

डिजिटल डेस्क, पन्ना। गर्भपात एक जोखिम भरी प्रक्रिया है गर्भपात को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रोटोकाल जारी किया गया है। चाहे मेडिकल गर्भपात हो अथवा क्लीनिकल गर्भपात हो डॉक्टर की सलाह एवं निगरानी में होना चाहिए किन्तु चंद पैसे के लालच के लिए गर्भपात को लेकर जो प्रोटोकाल स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित किया गया है। उसको हँासिये पर रखकर पन्ना जिले के देवेन्द्रनगर

स्थिति सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में नर्सिंग आफिसर की जिम्मेदारी संभालने वाली एक महिला नर्स द्वारा 550 रूपए लेकर गर्भपात की दवा अस्पताल में ही खुलेआम बेंची जा रही है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र देवेन्द्रनगर में पदस्थ नर्सिग आफिसर अर्चना सिंह का अस्पताल में मुफ्त दी जाने वाली गर्भपात दवा को रूपए लेकर बेंचे जाने का वीडियो इस समाचार पत्र को उपलब्ध हुआ है जिसे समाचार पत्र द्वारा जिले के सीएमएचओ डॉ. एस.के.त्रिपाठी को ले जाकर दिखाया गया तो उन्होने पूरे मामले को गंभीर मामला बताते हुए जांच कार्यवाही किए जाने की बात की कही है। देवेन्द्रनगर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में नर्सिंग आफिसर द्वारा ऑबर्शन किट बेंचे जाने का वीडियो के माध्यम से पूरा घटनाक्रम सामने आया है उसमें एक युवक जिसकी आवाज और नर्सिंग ऑफिसर के बीच लंबी बातचीत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र देवेन्द्रनगर में रिकार्ड है।

युवक साढे तीन माह का बच्चा गिराना है की बात की जानकारी के साथ मौजूद नर्सिंग ऑफिसर से बातचीत शुरू करता है और इसके बाद नर्सिंग ऑफिसर और वह कुछ दूर आगे बढता है जिस पर नर्सिंग ऑफिसर गर्भपात करवाने को लेकर नंबर की जानकारी दी है और नंबर पर घर पर ही गर्भपात करा देने की बात कहती है। जिस पर युवक कहता है कि घर के लोगों को भी इसकी जानकारी नहीं होनी चाहिए। तब नर्स 550 रूपए में गर्भपात की गोली से गर्भपात हो जाने की जानकारी देती है और हालत बिगडने पर पेट दर्द का बहाना लेकर अस्पताल आ जाने की बात कहती है तथा युवक को यह भी बताती है कि अस्पताल में यह दवायें नहीं मिलती हैं। ऑबर्शन किट में रूपए लेने के लिए नर्सिंग ऑफिसर द्वारा बकायदा फोन-पे का नंबर उसे दिया जाता है और उसके बाद यह पूंछकर पर्चे के बीस रूपए दे दिए हैं अपनी एप्रिन की जेब से ऑबर्शन किट निकालकर 550 रूपए फोन-पे में लेकर संबधित युवक को थमा देती है। इस दौरान उसके द्वारा महिला मरीज को लेकर भी पूंछा जाता है हालांकि इस पूरी प्रक्रिया के दौरान जिस महिला का गर्भपात होना है उसको नर्सिंग ऑफिसर द्वारा न तो देखा गया और न ही उसकी स्थिति की जानकारी जानने की कोशिश की।

ऑबर्शन किट देने के बाद पूरा तरीका समझाया

आबर्शन के लिए युवक द्वारा साढे तीन माह का बच्चा होने की जानकारी नर्सिंग ऑफिसर को दी गई थी उसी बात पर महिला नर्सिंग ऑफिसर द्वारा 550 रूपए लेकर गर्भपात की दवा बिना चिकित्सक के परामर्श के युवक को दे दी गई। यहां तक कि किस महिला को देनी है यह भी उसने नहीं देखा। गर्भपात की दवा देने के साथ ही नर्सिंग ऑफिसर द्वारा युवक को गर्भपात किट देने का पूरा तरीका समझाया। जिसमें उसने बताया कि शाम को एक गोली फिर अगले दिन दो गोलियां और फिर तीसरे दिन भी दो गोलियां दे देना यदि समस्या हो तो अस्पताल ले आना।

बिना चिकित्सीय सलाह के जानलेवा होता है गर्भपात किट का उपयोग

गर्भपात की दवा का उपयोग बिना डॉक्टर की देखरेख में लेना जानलेवा भी हो सकता है कई बार इस मेडिसन से ब्लीडिंग नहीं होती है ऐसे में ज्याद खून बहने व समय पर उपचार नहीं मिलने की स्थिति में महिला की मौत तक हो सकती है। गर्भपात की दवा केवल डॉक्टर की निगरानी में ही गर्भवती महिला को दी जानी चाहिए। जिससे अधिक रक्तस्त्राव व अन्य समस्या होने पर महिला को तत्काल उपचार मिल सके। स्वास्थ्य विभाग की जानकारी के अनुसार गर्भपात के लिए प्रोटोकाल बना हुआ है। डॉक्टर महिला मरीज की स्थिति की जांच कर गर्भपात को लेकर जरूरी सलाह देते हैं इसके साथ ही साथ प्रोटोकाल के साथ बकायदा गर्भपात के लिए संबधित गर्भवती महिला का सहमति पत्र भी प्राप्त किया जाना चाहिए किंतु देवेन्द्रनगर अस्पताल में जिस तरह से एक नर्सिंग ऑफिसर अस्पताल में चिकित्सक की जांच-परामर्श के बाद गर्भपात के लिए जो आबर्शन किट जो नि:शुल्क रूप से दी जानी चाहिए उसे मात्र 550 रूपए के लालच में बेंचने का काम कर रही है इतना ही नहीं जिस तरह से गर्भपात को लेकर पूरा वीडियो उपलब्ध हुआ है उसमें गर्भपात के अवैध कारोबार में कुछ अन्य लोगों के शामिल होने के तथ्य भी सामने आये हैं। बहरहाल पूरा मामला वीडियो और स्थितियों की जांच से ही सामने आयेगा।

इनका कहना है

यह बहुत ही मामला गंभीर है इसकी मैं बीएमओ से जांच करवाता हूं उसके बाद कार्यवाही की जायेगी।

डॉ. एस.के. त्रिपाठी, सीएमएचओ पन्ना

गर्भपात को लेकर एक प्रोटोकाल है मेडिकल तथा क्लीनिकल गर्भपात के लिए महिला की जांच करने के साथ ही इसके लिए उसकी सहमति का बकायदा निर्धारित प्रोफार्मा में फार्म प्राप्त किया जाता है। बिना चिकित्सक के मेडिकल गर्भपात के लिए गर्भपात की दवा नहीं दी जानी चाहिए। गर्भपात की पूरी प्रक्रिया को लेकर बकायदा महिला की कांउसलिंग कर उसे सभी जरूरी जानकारियां दी जातीं हैं। अस्पताल में जिस नर्सिंग ऑफिसर द्वारा वीडियो में ऑबर्शन किट बेंचे जाने की बात कही जा रही है उसकी जानकारी मुझे नहीं हैं। मामला सामने आने पर हम इसकी जांच कर कार्यवाही करेंगे।

डॉ. अभिषेक जैन, बीएमओ देवेन्द्रनगर

Created On :   17 Oct 2024 1:49 AM IST

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