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शिरपुर में स्वर्ण प्राशन संस्कार शिविर का नौनिहालों ने लिया लाभ
डिजिटल डेस्क, वाशिम। संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर महाराज के आशिर्वाद व प्रेरणा तथा निर्यापक श्रमणमुनि प्रसादसागर महाराज, चंद्रप्रभसागर महाराज, निरामयसागर महाराज, सिध्दांतसागर महाराज की प्रेरणा से पुष्य नक्षत्र में तैयार किए गए स्वर्ण प्राशन संस्कार शिविर को भारी प्रतिसाद मिला । शिरपुर जैन के निकलंक निकेतन में आयोजित शिविर में छोटे बालक व वयोवृध्दों की बुध्दिमत्ता, रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ाने के लिए दो बूंद में जीवन सुद़ृढ करें, स्वर्ण प्राशन शिविर में दो माह से 16 वर्ष आयुवर्ग के 575 बालकों को शुध्द देशी गाय का घी, औषधि, जड़ीबूटी व स्वर्ण भस्मयुक्त औषधि दी गई । शिविर का उद्घाटन चिकीत्सक शशांक मुंबई, औरंगाबाद के चिकीत्सक अधिकारी सुरेेश, हिंगोली की चिकीत्सक श्रध्दा के हाथोंं दीपप्रज्वलन कर किया गया । स्वर्ण प्राशन एक आयुर्वेदिक रोगप्रतिकारक व शक्तिवर्धक उपाय है, जिसमें शुध्द स्वर्ण भस्म, गौ घृत, ब्राह्मी, शंकपुष्पी आदि औषधियों का मिश्रण कर प्राशन करने के लिए दिया जाता है । इसके माध्यम से छोटे बालकों में रोगप्रतिकार शक्ति बढ़ने के साथही बार-बार बीमार पड़ने से उनका बचाव होता है । साथही उनका विकास भी तीव्र गति से होता है । शिविर में आयुवेर्दीक विशेषज्ञ एमडी डा. शैलेश जैन, ब्रम्हचारी डा. शिल्पी जैन, डा. रुबी जैन, डा. नरेंद्र जैन आदि ने सेवा प्रदान की । शिविर के लिए पूर्णायु, जबलपूर, शांतिधारी बिना बाराह, डा. रेखा, डा. निलम, योगश सागर ने विशेष सहयोग प्रदान किया । चातुर्मास समिति पदाधिकारियों की ओर से सभी चिकित्सकों का सम्मान किया गया ।
Created On :   28 Oct 2022 4:42 PM IST