आचार संहिता में अटकी समस्या , एक्शन 23 के बाद

Work stop due to code of conduct, action taken after 23 may 2019
आचार संहिता में अटकी समस्या , एक्शन 23 के बाद
आचार संहिता में अटकी समस्या , एक्शन 23 के बाद

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर के सामने जलसंकट की समस्या बहुत बड़ी है। निपटने के लिए मनपा में लगातार तैयारियां चल रही हैं। आचार संहिता खत्म होते जलसंकट से बचाने की दिशा में एक्शन चालू होने वाला है। विशेष बात यह है कि पिछले दिनों ही जिलाधिकारी ने जलसंकट की समस्या बताते हुए सिर्फ 10 जून तक के लिए पानी शेष होने की बात करते हुए पानी बचाने की अपील की थी।

दिया गया है रूट मैप
23 मई को लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के साथ ही आचार संहिता खत्म हो जाएगी। इसके बाद से मनपा के पदाधिकारी एक्शन मूड में आ जाएंगे। इसके लिए प्रशासन को एक रूट मैप दे दिया गया है, जिसके आधार पर जलसंकट से बचने की दिशा में काम करना है। अभी सिर्फ एक माह का पानी शेष बचा हुआ है। 10 के बाद पानी की सप्लाई कैसे होगी, यह बड़ा सवाल बना हुआ है।

मंथन इस पर भी
सार्वजनिक नलों को बंद किया जा सकता है, क्योंकि वहां पानी की अधिक बर्बादी होती है, जबकि वहां से पानी भरने वाले लोग कम रहते हैं। इसमें एक सवाल यह भी है कि जलसंकट के समय जब नलों में पानी नहीं आता है, तो कैसे आमजन को कैसे पानी मिलेगा।

सबसे अहम स्टेप
भू-जलस्तर बढ़ाने के लिए 100 गार्डन में वॉटर हार्वेस्टिंग की जाएगी।

मनपा में जलसंकट की 7 हजार 746 उपाय योजना प्रस्तावित 
 नागपुर विभाग में जलसंकट से निपटने के लिए विभागीय प्रशासन ने बड़े स्तर पर तैयारी का दावा किया है। करीब 3 हजार 800 गांवों में सूखा सदृश्य परिस्थिति मानी जा रही है, जहां पानी के लिए भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इससे निपटने के लिए 91 करोड़ 49 लाख रुपए के खर्च का प्रस्ताव तैयार किया गया है। विशेष यह कि सर्वाधिक जलसंकट ग्रस्त नागपुर, वर्धा व चंद्रपुर जिले के 155 गांवों में 180 निजी कुओं का अधिग्रहण भी किया गया है। विभागीय आयुक्त डॉ. संजीव कुमार ने पीने के पानी की समस्या से जूझ रहे गांवों में टैंकर उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए हैं। 

होंगे विभिन्न कार्य 
 
नागपुर विभाग में 3 हजार 865 गांव और 192 कस्बों में जलसंकट प्रारूप अंतर्गत तीन चरण में विविध उपाय योजना क्रियान्वित की जाएगी। पीने के पानी की समस्या वाले और जुलाई अंत तक समस्या का सामना करने वाले गांवों के लिए 7 हजार 746 उपाय योजना प्रस्तावित की गई है। इसके लिए 91 करोड़ 49 लाख 97 हजार रुपए खर्च अपेक्षित बताया गया है। जलसंकट ग्रस्त निवारण कार्यक्रम अंतर्गत नए बोरवेल, नई योजना की विशेष दुरुस्ती, बोरवेल की विशेष दुरुस्ती, अस्थायी नल योजना, टैंकर द्वारा अथवा बैलगाड़ी जलापूर्ति करना, सार्वजनिक कुओं का गहराईकरण, मलबा निकालना और निजी कुओं का अधिग्रहण सहित अन्य उपाय योजना शामिल किए हैं। 
 

Created On :   9 May 2019 1:47 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story