महिलाएं मानती हैं भेदभाव और अन्य चुनौतियां अब भी

Women still admit discrimination and other challenges
महिलाएं मानती हैं भेदभाव और अन्य चुनौतियां अब भी
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस महिलाएं मानती हैं भेदभाव और अन्य चुनौतियां अब भी

डिजिटल डेस्क, भोपाल। देश और दुनिया में मंगलवार को महिला दिवस मनाया जाएगा, मगर अब भी महिलाओं के साथ हो रहे भेदभाव का सिलसिला बरकरार है। मध्य प्रदेश की महिलाएं मानती हैं कि स्थितियां पहले के मुकाबले बदली हैं, परंतु महिलाओं के सामने भेदभाव और अन्य चुनौतियां अब भी है।

अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर बच्चों के लिए काम करने वाली संस्थाओं यूनिसेफ और चाइल्ड राइट्स ऑब्जर्वेटरी मध्य प्रदेश ने मिलकर परिचर्चा का ऑनलाइन विशेष सत्र आयोजित किया। इस परिचर्चा में मध्यप्रदेश की किशोरियों ने समाज में बदलाव की वाहक रहीं, महिलाओं से अपने जीवन में आ रही चुनौतियों और समस्याओं पर चर्चा की और उनसे उनके प्रेरणास्पद जीवन यात्रा के विषय में सुना और जाना।

चर्चा के इस विषेष सत्र में छात्राओं ने अपनी बात बेवाकी से कही। इस चर्चा में झाबुआ से रिया, शिवपुरी से राधिका, दतिया से वृजकुंवर पांचाल, खण्डवा से सिमरन पाटीदार, होशंगाबाद से विधि सामले, रीवा से आस्था शर्मा, रायसेन से हर्षिता सेन और भोपाल से आंचल सेन ने शिक्षा में आ रहीं चुनौतियों, लड़कियों पर बढ़ती हिंसा और पालकों द्वारा लड़कियों पर अपनी इच्छा प्रभावी करने की चुनौतियों पर अपने विचार व प्रश्न रखे और उनके निराकरण करने का आग्रह किया।

चाइल्ड राइट्स ऑब्जर्वेटरी की अध्यक्ष और मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच ने कहा कि महिला दिवस, महिलाओं की प्रगति और उनकी उपलब्धियों का उत्सव मनाने और साथ ही दुनिया भर में महिलाओं के साथ हो रहे भेदभाव और दूसरी चुनौतियों से निपटने के आह्वान करने का दिन है।

उन्होंने अपने आईएएस केरियर के बारे में बताते हुए कहा कि वे हमेशा लड़कियों और महिलाओं के अधिकारों और उनकी जिन्दगी में बेहतरी के बदलावों के लिए काम करती रही हैं। वे उस समय मध्यप्रदेष की पहली महिला मुख्य सचिव बनीं जब महिलाओं की भागीदारी इन सेवाओं में कम होती थी।

ओमेगा बियरिंग्स प्रायवेट लिमिटेड भोपाल की डायरेक्टर सीमा प्रकाश ने बताया कि उन्होंने अपने केरियर की शुरूआत इंजीनियर के तौर पर एक सरकारी संस्था में की थी। महिलाओं से होने वाले भेदभाव के कारण निर्णय लिया कि मैं स्वयं का उद्योग स्थापित करूंगी और मैंने बियरिंग्स बनाने का उद्योग दो लोगों के साथ शुरू किया।

आज इस उद्योग में 140 लोग काम करते हैं और उनका उत्पाद कई देशों में निर्यात होता है। उन्होंने उन चुनौतियों का जिक्र भी किया जिनका सामना 35 साल पहले उन्होंने किया था।

(आईएएनएस)

Created On :   7 March 2022 10:00 PM IST

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