न सुनेंगे शिकवा-गिला अब सीधे करेंगे फैसला

Will not listen to Shikva-Gila now will decide directly
न सुनेंगे शिकवा-गिला अब सीधे करेंगे फैसला
बाढ़ प्रभावितों ने दी चेतावनी न सुनेंगे शिकवा-गिला अब सीधे करेंगे फैसला

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर । चंद्रपुर शहर समीप बहनेवाली इरई नदी क्षेत्र परिसर में घर बनाकर रहनेवाले हजाराें नागरिकों को इस बार दो-तीन बार आयी बाढ़ का खामियाजा भुगतना पड़ा। हाल के कुछ वर्षों में बिल्डर व संबंधित लोगों ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्र व विकास योजना अनुसार आरक्षित जगह पर कुछ अनाधिकृत लेआउट डालकर भूखंड नोटरी पद्धति से बिक्री धड़ल्ले से शुरू की है। यह बात ध्यान में आते ही मनपा ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में प्लाट लेने व घर बनानेवालों को चेताया है। अब ऐसा करते पाए गए तो कोई शिकायत-सुनवाई बिना अनाधिकृत निर्माण हटाने की चेतावनी दी है। शहर में इस संबंध में कई बैनर लगाने से नागरिकों के साथ बिल्डर लॉबी में हड़कंप मच गया है। 

गौरतलब है कि, जुलाई व अगस्त माह में चंद्रपुर शहर में इरई नदी के बैक वॉटर के कारण रहमत नगर, स्वावलंबी नगर, सिस्टर कालोनी, जगन्नाथ बाबा नगर, वड़गांव ऐसे अनेक क्षेत्रों में बाढ़ का पानी घुस गया। बाढ़ के लिए कई स्थानों पर भूमाफिया बिल्डर्स व टॉउन प्लानर जिम्मेदार होने का आरोप लगाते हुए गोंडवाना विदर्भ मुक्ति संगठन के संयोजक योगेश समरीत ने 16 जुलाई को मुख्यमंत्री से शिकायत कर उचित कार्रवाई करने की मांग की थी। 

बता दें कि, वर्ष 2007 में चंद्रपुर शहर में बैक वॉटर से बड़े पैमाने पर बाढ़ आयी थी। कई नागरिकों का नुकसान हुआ था। इस समय जलसंधारण विभाग द्वार बाढ़ के लिए खतरनाक एरिया रेखांकित किया गया था। उस एरिया में निर्माणकार्य की अनुमति नहीं दी गई थी। इसके बाद कई वर्ष चंद्रपुर जिले में जोरदार बारिश नहीं हुई। इसका फायदा उठाकर अनेक बिल्डर्स व भूमाफिया ने टॉउन प्लॉनर व नगरपालिका प्रशासन के साथ साठगांठ कर बड़े पैमाने पर प्लॉट की खरीदी-बिक्री का व्यवसाय शुरू किया।

संबंधित क्षेत्र में निर्माणकार्य की अनुमति नहीं होने के बावजूद उस एरिया में प्लाट सिर्फ 500 रुपए के स्टैम्प पेपर पर एग्रिमेंट कर बेचा गया। आम नागरिकों की स्मरणशक्ति कमजोर व 2007 में आयी बाढ़ से पानी घुसा था, यह पता नहीं होने के चलते उन्हें प्लाट बेचकर धोखाधड़ी की गई। अनेक राजनीतिक संबंध होने के चलते बिल्डर्स लॉबी को उक्त एरिया में बड़े-बड़े बिल्डिंग बनाकर फ्लैट की बिक्री की गई। इरई नदी किनारे बड़े पैमाने पर भूमाफिया के माध्यम से प्लॉट की बिक्री की गई। ऐसे लोगों पर शासन-प्रशासन कब कार्रवाई करेगा? यह एक बड़ा सवाल है। 

ज्ञात हो कि, 28 जुलाई को चंद्रपुर दौरे पर आए विपक्ष नेता अजित पवार ने शहर के रहमतनगर, सिस्टर कालोनी जैसे क्षेत्रों जायजा लिया था। उन्होंने कहा था कि, कुछ स्थानों पर बड़े पैमाने पर नदी पात्र व उसके परिसर में अतिक्रमण हुआ है। अतिक्रमण व प्रशासन की िनयोजन शून्यता के चलते आज ऐसी नौबत आई है। राजनीतिक दबाव में न आकर प्रशासन ने अतिक्रमण निकालने जैसे कड़े निर्णय लेने की आवश्यकता बताकर 5 प्रतिशत लोगों का अतिक्रमण निकालकर घरकुल जैसे योजना में वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश  प्रशासन को दिए हुए होने की जानकारी दी थी। इसके अलावा वििवध पार्टी के नेता, जनप्रतिनिधियों ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्र का जायजा लिया था। 
 

Created On :   25 Aug 2022 6:33 PM IST

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