बीजेपी नेता के बोल, SC को हिंदुओं के पक्ष में फैसला लेने के लिए करेंगे मजबूर

Will be forced to pronounce a decision of ram temple :Tapan Bhowmik
बीजेपी नेता के बोल, SC को हिंदुओं के पक्ष में फैसला लेने के लिए करेंगे मजबूर
बीजेपी नेता के बोल, SC को हिंदुओं के पक्ष में फैसला लेने के लिए करेंगे मजबूर

डिजिटल डेस्क, रतलाम। अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बीच मध्य प्रदेश प्रदेश टूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के चेयरमैन तपन भौमिक ने एक बयान दिया है। भौमिक ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट अगर राम मंदिर के पक्ष में फैसला नहीं देता है। तो उसे हिंदुओं के पक्ष में फैसला देने के लिए मजबूर किया जाएगा।

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश प्रदेश टूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के चेयरमैन तमन भौमिक मध्य प्रदेश के रतलाम में एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आए थे। इस दौरान उन्होंने राम मंदिर से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा कि ये फैसला हिंदूओं के पक्ष में होगा, नहीं होगा तो करवाया जाएगा,हिंदू करवाएंगे। फैसला आने के बाद लोकसभा के अंदर बैठे हमारे लोग नियम बनाएंगे। विधेयक पास करेंगे और मंदिर वहीं बनाएंगे। समझ लीजिए अगर ऐसा नहीं होता है तो करोड़ों हिंदू मिलकर ऐसा करेंगे।

ये भी पढ़ें-अयोध्या विवाद:अब अगले साल 8 फरवरी को होगी सुनवाई


कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया 
 

वहीं भौमिक के बयान को लेकर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा का कहना है कि भौमिक अपने इन शब्दों से सुप्रीम कोर्ट का अपमान कर रहे है। इससे साफ जाहिर होता है कि सरकार की मंशा कानून प्रक्रिया में हस्तत करने की है। मिश्रा ने कहा कि इस मुद्दे पर सरकार और भाजपा को यह स्पष्ट करना चाहिए कि यह तपन भौमिक की व्यक्तिगत राय थी और उन्हें फौरन पार्टी से बाहर करें।  

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट अयोध्या में विवादित राम जन्मभूमि मामले में अगली सुनवाई 8 फरवरी, 2018 को करेगा। 6 दिसंबर को हुई सुनवाई में इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 13 अपीलों पर सुनवाई हुई। 

इलाहाबाद हाईकोर्ट का क्या था फैसला ?


30 सितंबर  2010 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विवादित जमीन (2.77 एकड़) को तीन हिस्सों में बांट दिया था। रामलला की मूर्ति वाली जगह पर उन्हें विराजमान करने के लिए दी।  सीता रसोई और राम चतूबरा निर्मोही अखाड़े को और बाकी हिस्सा मस्जिद निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को दे दी थी। इस फैसले के खिलाफ वक्फ बोर्ड नेे 14 दिसंबर 2010 को सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की। एक के बाद एक 20 याचिकाएं दायर हुईं। सुप्रीम कोर्ट ने 9 मई 2011 को हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे लगा दिया। सुनवाई तो हुई नहीं, इस बीच 7 चीफ जस्टिस बदल गए। सातवें चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने  11 अगस्त 2017 को याचिकाएं लिस्ट की थीं।

Created On :   8 Dec 2017 1:22 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story