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फसलों के साथ किसानों को भी नुकसान पहुंचा रहे जंगली सुअर
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। गोंडपिपरी तहसील में कृषि व्यवसाय के अलावा कोई उद्योग नहीं है। परिसर के किसानों ने इस वर्ष अतिवृष्टि से जूझते हुए खरीफ में धान के साथ कपास और सोयाबीन की बुआई की है। किसानों की मेहनत और तहसील में ठीकठाक हुई बरसात के बाद से फसल भी बेहतर आई है। अब कपास निकलने लगा है और सोयाबीन भी पककर तैयार है। ऐसे समय पर अब जंगली सुअर खेत की फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं। यह सुअर फसलों को नुकसान पहुंचाने के साथ खेतों में काम कर रहे किसानों पर भी हमला कर जख्मी कर रहे हैं। जिससे परिसर में मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं बढ़ रही है। किसानों के लिए जंगली सुअर सिरदर्द बनते जा रहे हैं।
तहसील का मुख्य व्यवसाय कृषि है। कोरोना संकट के बावजूद किसानों ने इस वर्ष मेहनत की और उनकी मेहनत रंग लाई है। अब सोयाबीन और कपास की फसल तैयार हो गई है, लेकिन गोंडपिपरी तहसील का अधिकांश हिस्सा जंगलों से घिरा होने की वजह से खेतों में घुसकर जंगली सुअर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। रात के समय हिंसक जानवरों का खतरा है। दिन में तो किसान किसी प्रकार अपनी फसलों की सुरक्षा करने जा रहे हैं, लेकिन यह सुअर फसलों की सुरक्षा करने वाले किसानों पर भी हमला कर रहे हैं। जिससे जानवरों से फसलों को बचाएं अथवा अपनी जान यह सवाल उनके सामने है, यह तहसील जंगलों से घिरी होने की वजह से कई बार बाघ, तेंदुआ जैसे हिंसक जानवरों के हमले होते रहते हैं। रात के समय किसान खेतों की रखवाली करने जाए, तो उसकी जान को खतरा रहता है। जिससे इस ओर वनविभाग द्वारा ध्यान देकर सुअरों सहित अन्य वन्य प्राणियों का बंदोबस्त लगाने की मांग हो रही है। यदि वन विभाग जंगली सुअरों की व्यवस्था नहीं कर सकता है तो किसानों को उनके बंदोबस्त की अनुमति देने की मांग भी की है।
Created On :   20 Oct 2022 3:15 PM IST