खड़ी फसल उजाड़ रहे जंगली जानवर,मुआवजे को तरस रहे किसान

Wild animals destroying standing crops, farmers craving compensation
खड़ी फसल उजाड़ रहे जंगली जानवर,मुआवजे को तरस रहे किसान
खड़ी फसल उजाड़ रहे जंगली जानवर,मुआवजे को तरस रहे किसान

डिजिटल डेस्क, नागपुर।   हिंगना तहसील का ग्रामीण, पठारी क्षेत्र जंगल सीमा से लगा हुआ है। जंगल से लगकर ही किसानी क्षेत्र है। जंगल से लगे खेतों की खड़ी फसलों को जंगली जानवर चट कर जाते हैं। जिसकेे चलते किसान काफी परेशान हैं। रात-दिन किसान अपने खेतों में मेहनत-मजदूरी कर बड़ी मुश्किल से फसल उगाता है और जब फसल काटने का वक्त आता है तभी पूरी फसल जंगली जानवर खा जाते हैं। नैसर्गिक समस्या के साथ ही जंगली जानवर का कहर किसानों का मनोबल तोड़ रहा है। जिसमें वन विभाग की लापरवाही भी शामिल है। ऐसा ही नजारा हिंगना से 25 किलोमीटर दूर ग्रामीण क्षेत्र ढोले मोहगांव में देखने को मिला। जहां खेत में जंगली जानवरों ने एक किसान की 5 एकड़ खेत में कपास और तुअर की पूरी फसल खराब कर दी। यह स्थिति पूरी तहसील में जंगल से लगी खेती की है। वन विभाग द्वारा इन किसानों को पूरी तरह मुआवजा भी नहीं दिया जाता।

तहसील से लगा है बोर अभयारण्य
हिंगना तहसील से ही बोर अभयारण्य लगा हुआ है। अडेगांव, ढोले मोहगांव, गोठनगांव, पेंढरी देवली आदि गांव से लगकर हैं। इसके चलते इन गांव और इनके आसपास के गांव से लगी खेती में जंगली जानवर अपना कहर बरपाया रहे हैं। बोर अभयारण्य में बड़े पैमाने पर जंगली जानवर हैं, जिसमें से जंगली सुअर और नील गाय ने किसानों को परेशान कर रखा है।

यह कर रहे परेशान
जंगल से लगे हुए खेतों में फसल खाने का काम साभर, जंगली सुअर, हिरण, नील गाय आदि जंगली जानवर करते हैं। यह जानवर बड़ी तादाद में आते हैं और खेतों में परठी, सोयाबीन, तुअर, चना, फल्ली आदि की फसल बर्बाद कर जाते हैं। 

 नजदीकियों पर मेहरबानी 
जंगली जानवरों द्वारा फसलों को बर्बाद किए जाने पर किसानों को वन विभाग की ओर से मुआवजा दिया जाता है, लेकिन उन्हीं किसानों को मुआवजा मिलता है, जो वन अधिकारियों या कर्मियों के नजदीक के होते हैं। या फिर जो किसान वन विभाग के कार्यालय में जाकर शिकायत कर चक्कर लगाता है। अन्य गरीब किसान जिसका कोई वाली नहीं है और वह अनपढ़ है, ऐसे किसानों को मुआवजा नहीं मिलता। जबकि वन अधिकारी व कर्मचारियों की जिम्मेदारी है कि वह खुद जंगल से लगे खेतों का मुआयना कर पीड़ित किसान को नुकसान की भरपाई दिलाए।

रात के वक्त होता है खेतों में हमला
जंगली जानवर ज्यादातर रात के समय समूह में खेतों में फसल पर हमला करते हैं। क्योंकि उस समय खेत में कोई नहीं रहता। अगर कोई हो भी तो कुछ बिगाड़ नहीं सकता। दिन के समय सभी खेतों में किसान होते हैं, जो मिलकर जानवरों को खदेड़ने का काम करते हैं। 
 

Created On :   6 Jan 2021 5:55 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story