जब प्रशासन ने एक न सुनी, तो युवाओं ने ROB के गड्‌ढों में कर दिया पौधारोपण

When administration did not listen, Youngsters planted in pits of ROB
जब प्रशासन ने एक न सुनी, तो युवाओं ने ROB के गड्‌ढों में कर दिया पौधारोपण
जब प्रशासन ने एक न सुनी, तो युवाओं ने ROB के गड्‌ढों में कर दिया पौधारोपण

डिजिटल डेस्क, नरखेड़। ROB पर गड्ढों की मरम्मत करने की मांग जब कई बार अनसुनी कर दी गई, तो युवाओं ने अनोखे अंजाद में आंदोलन किया। युवाओं ने ROB के गड्ढों में पौधे लगाए दिए। दरअसल दिल्ली-चैन्नई रेलवे लाइन पर रोजाना बड़ी तादाद में ट्रेनों की आवाजाही बनी रहती है। इससे नरखेड़ स्थित रेलवे क्रासिंग प्रति  पांच मिनट में बंद होता था। इससे क्रासिंग के दोनों छोर पर वाहनों की लंबी कतार लग जाने से आवाजाही बाधित होती थी। समस्या से निजात दिलाने ROB की मांग जोर पकड़ने लगी। जिसे देखते हुए तकरीबन 13 करोड़ 66 लाख, 89 हजार 802 रुपए की लागत से ROB का निर्माण किया गया। लेकिन ROB बनने के मात्र चार माह में ही ROB में जगह-जगह जानलेवा गड्ढे बन गए। 

उल्लेखनीय है कि, ROB पर एक लंबा मोड़ होने से विगत 6 महीने में हुए दो हादसों में एक युवक की मौत हो गई, जबकि एक विकलांग हो गया। नरखेड़ में ROB कार्य का तकरीबन 13 करोड़ 66 लाख 89 हजार 802 रुपए का ठेका नागपुर के एन.एन. पुगलिया को दिया गया। जिसे 15 माह की अवधि में बनाना था। 6 अक्टूबर 2013 शुरू हुआ निर्माण कार्य 5 जनवरी 2015 तक पूरा करना था। लेकिन 15 महीने का कार्य लगभग 6 साल बाद 2018 मंे पूरा हुआ। बता दे कि, ROB निर्माण कार्य की देखरेख का जिम्मा नरखेड़ के लोकनिर्माण विभाग को सौंपा गया था। ROB बनने के बाद इसके उद्घाटन की राह न देखते हुए यातायात के लिए शुरू किया गया। हालांकि राकांपा नेता सलिल देशमुख ने इसका उद्घाटन किया था।

बता दे कि ROB को कुछ इस प्रकार बनाया गया है कि, इसमें एक लंबा एवं कुछ प्रमाण में अंधा मोड़ है। जिससे चालकों को गाड़ी टर्न करने में दिक्कत होती है। वहीं मोड़ के कारण सामने से आ रहा  वाहन एकदम समीप आने पर ही दिखाई देता है। जिससे आपस में वाहन टकराकर हमेशा हादसे का भय बना रहता है। एकाएक वाहन सामने नजर आने पर कई बार चालक हड़बड़ाहट में अपना संतुलन खोकर ROB से नीचे वाहन समेत गिर जाता है। ऐसे ही दो हादसे छह माह में हुए। एक हादसे में दो युवक बाइक समेत पुल के नीचे गिरे जिसमे एक की जान गई तो दूसरा विकलांग हो गया। वहीं कुछ दिन पहले बोलेरो और टाटा सुमो में भिड़ंत हुई। हालांकि इसमें कोई जनहानि नहीं हुई। बढ़ते हादसों को देखते हुए माणुसकी प्रतिष्ठान के रामदास बालपांडे, स्वप्निल बारई के नेतृत्व में स्थानीय लोकनिर्माण विभाग को ज्ञापन सौंपा गया था।

किसी भी उड़ानपुल पर पथदीप की व्यवस्था के बिना यातायात के लिए शुरू नहीं किया जाता। लेकिन नरखेड़ के ROB निर्माणकार्य में देर होने से आननफानन में उसे यातायात के लिए शुरू तो किया गया। लेकिन यातायात शुरू होने के करीब 6 महीने बाद भी ROB पर स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था नहीं किए जाने से रात के दौरान अंधेरा छाया रहता है। बता दे कि ROB नगर से बाहर है। और नगर के बाहर ही यहां की संतरा नीलामी मंडी भी है। ऐसे में रात के दौरान अंधेरा छाए रहने से हादसों के अलावा लूटपाट की घटना का भय भी बना रहता है। मार्ग की मरम्मत व स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था किए जाने की मांग नागरिकों ने की है, ताकि भविष्य में किसी बड़ी अनहोनी को टाला जा सके।
 

Created On :   30 Sept 2018 5:27 PM IST

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