वेकोलि के प्रकल्प पीड़ितों को शैक्षणिक योग्यता के अनुसार मिलेगी नौकरी

Waikolis project victims will get jobs according to educational qualification
वेकोलि के प्रकल्प पीड़ितों को शैक्षणिक योग्यता के अनुसार मिलेगी नौकरी
जागी उम्मीद वेकोलि के प्रकल्प पीड़ितों को शैक्षणिक योग्यता के अनुसार मिलेगी नौकरी

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। वेकोलि क्षेत्र के कामगारों को उनकी शैक्षणिक योग्यता के अनुसार पद पर नौकरी देने की मांग ककरने वाले जनप्रतिनिधि के रुप में पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री हंसराज अहीर का उल्लेख किया जाता है। उनकी लगताार मांग और प्रयासों से 2016 में वेकोलि में कार्यरत कामगारों को उनकी योग्यता के अनुसार नौकरी में शामिल करने का निर्णय लागू किया गया था।  किंतु वेकोलि प्रबंधन की मनमानी नीति की वजह से कर्मचारी अपने अधिकार से वंचित थे। अंतत: अहीर के प्रयासों से वेकोलि मुख्यालय ने उच्च शिक्षित प्रकल्प पीड़ितों का अधिकार बहाल करने का निर्णय लिया है। सन 2021-22 से चंद्रपुर जिले के पौनी 3 और अन्य खानों में प्रकल्प पीड़ितों को नौकरी देते समय पर वेकोलि इस निर्णय का पालन नहीं कर रही थी। यह ज्ञात होने पर नागपुर वेकोलि मुख्यालय की बैठक में इस विषय पर हंसराज अहीर ने गंभीरता से चर्चा की। इसका नतीजा है कि उच्च शिक्षित कामगारों को क्षेत्रीय कार्मिक प्रबंधक नागपुर क्षेत्र के पास आवेदन करने के निर्देश क्षेत्र के कामगारों को दिए है। इसके चलते आईटीआई, इंजीनियरिंग (डिग्री व डिप्लोमधारक), फार्मसी, होटल मैनेजमेंट, एमबीए, एलएलबी व अन्य उच्चशिक्षित कामगारों को उनकी योग्यता के अनुसार पद मिलने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।  नए एसओपी के नाम पर, चंद्रपुर, यवतमाल जिले के कई उच्च शिक्षित वेकोलि प्रकल्प पीड़ितों को उनके भूमि अधिग्रहण क्षेत्र के बाहर अन्य क्षेत्रों में विशेष रूप से नागपुर क्षेत्र में भूमिगत खदानों में पिछले साल से नौकरी दी गई थी। इस संबंध में हंसराज अहीर ने भी वेकोलि मुख्यालय में समय-समय पर होने वाली बैठकों में नाराजगी जताते हुए यह मुद्दा उठाया था। अहीर ने सीएमडी को अक्टूबर माह में इस संबंध में तत्काल निर्णय लेने की सलाह दी थी। अहीर ने कहा है कि उच्च शिक्षित श्रमिकों पर लागू होने वाले निर्देश श्रमिकों के लिए महत्वपूर्ण और निष्पक्ष हैं। यहां यह उल्लेखनीय है कि पहले अहीर के प्रयासों के कारण वेकोलि मुख्यालय पाथरखेडा की बजाय पीडीपीटी प्रशिक्षण धारकों को उनके स्वैच्छिक क्षेत्रों में प्रशिक्षित करने का निर्णय लेने के लिए मजबूर हुआ था।  

Created On :   22 Nov 2022 2:32 PM IST

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