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नगर निगम में निर्दलीय मेयर को जिताकर मतदाताओं ने साबित किया कि हम ही किंग मेकर
विशेष संवाददाता, कटनी। 2022 का आज अंतिम दिन है। बीत रहा साल जिले की राजनीतिक गतिविधियों के हिसाब से काफी अहम रहा। ढाई साल बाद नगरीय निकायों सत्ता जनप्रतिनिधियों के हाथों में आई। नगरीय निकाय एवं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव राजनीतिक दलों
की पैंतरेबाजी से भी लोग रू-ब-रू हुए लेकिन वोटर ने यह साबित किया कि वही किंग मेकर है। प्रदेश भाजपाध्यक्ष व्ही.डी.शर्मा के संसदीय क्षेत्र की इकलौती कटनी नगर निगम के मतदातों ने जहां सत्ताधारी दल को आईना दिखा, वहीं कांग्रेस को भी इस बात के मंथन के लिए विवश कर दिया कि सत्ताविरोधी लहर होने के बाद भी वह आखिर मतदाताओं के असंतोष को क्यों नहीं भुना पाई।
नगर निगम के महापौर चुनाव में भाजपा की बागी प्रीति संजीव सूरी चुनाव के समय बनी लहर को भाजपा के दिग्गज भी नहीं भांप पाए। राजनीतिक दृष्टि से यह साल महिलाओं के ही नाम रहा। कटनी नगरनिगम सहित जिले के दो निकायों कैमोर, विजयराघवगढ़ में मुखिया का ताज महिलाओं के सिर पर ही सजा। जिला पंचायत में भी लगातार दो पंचवर्षीय से अध्यक्ष पद पर महिला की काबिज है।
जनपदों में चला शह-मात का खेल
जनपद पंचायतों में शह मात के खेल में रीठी और बहोरीबंद में भाजपा की गुटबाजी सतह पर आ गई। जनपद पंचायत रीठी में अध्यक्ष पद पर भाजपा से जुड़े अध्यक्ष अर्पित अवस्थी ने भाजपा समर्थित पार्वती पटेल को तीन वोटों के अंतर से हराया था। वहीं जनपद पंचायत बहोरीबंद में अध्यक्ष पद पर कांग्रेस के समर्थन से लालकमल बंसल अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे। उनकी प्रतिद्वंदी सोनम राजेश चौधरी को विधायक का समर्थन प्राप्त था लेकिन यहां भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। अन्य जनपद पंचायतों ढीमरखेड़ा, कटनी, विजयराघवगढ़ एवं बड़वारा में भाजपा समर्थितों का कब्जा रहा।
शहर से गांव तक कमजोर रही कांग्रेस
नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में बहुमत नहीं होते हुए भी जहां भाजपा ने बहुमत नहीं होते हुए भी नगर परिषदों एवं जनपद पंचायतों में अध्यक्ष की कुर्सी पर अपने दल के लोग बैठा दिए वहीं कांग्रेस फाइट के पहले ही हार स्वीकार करते दिखी। नगर परिषद बरही में बहुमत से एक पार्षद कम होने के बाद भी भाजपा पीयूष अग्रवाल को अध्यक्ष निर्वाचित कराने में सफल रही, वहीं 6 पार्षदों वाली कांग्रेस चुनौती देने में ही पीछे हट गई।
कैमोर में ढाई-ढाई साल का फार्मूला
नगर परिषद कैमोर में अध्यक्ष पद पर भाजपा की दो पार्षदों नमिता ग्रोवर एवं मनीषा शर्मा के बीच दावेदारी रही। पक्ष में अधिक पार्षद होने के बाद भी नमिता को पीछे हटना पड़ा और ढाई-ढाई साल के फार्मूले में मनीषा शर्मा को कुर्सी मिल गई। यहां कांग्रेस को उस समय झटका लगा जब उसके दावेदार पार्षद फार्म ही नहीं भर पाए। विजयराघवगढ़ नगरपरिषद में भाजपा की वसुधा मिश्रा निर्विरोध चुनी गई थीं। यहां चार पार्षद होने के बाद भी कांग्रेस की दावेदार को प्रस्ताव भी नहीं मिले थे। विजयराघवगढ़ जिले की ऐसी इकलौती नगर परिषद थी जहां आम आदमी पार्टी खाता खोलने में सफल रही।
Created On :   31 Dec 2022 10:57 AM IST