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जंगली हाथियों से बचाव के लिए ईश्वर की शरण में पहुंचे ग्रामीण

डिजिटल डेस्क,गड़चिरोली। लगातार सात दिनों से जारी हाथियों के उत्पात से दहशत में आए कन्हारटोला क्षेत्र के नागरिकों ने आदिवासी रीति-रिवाजों के साथ हाथियों को खदेड़ने के लिए जंगल पहुंचकर विधिवत पूजा-अर्चना की। इस समय आदिवासियों ने गांव में शांति बनाए रखने और हाथियों को जल्द से जल्द यह क्षेत्र छोड़ने के लिए अपने देवताओं से मन्नत मांगी। इस बीच अब वनविभाग ने सुरक्षा की दृष्टि से क्षेत्र में वन कर्मियों की सुरक्षा को बढ़ा दिया है। करीब 45 से 50 वन कर्मचारियों की टीम ने हाथियों के झुंड पर अपनी नजर रखी।
बता दें कि, आदिवासी समाज में धार्मिकता को काफी महत्व दिया गया है। किसी भी तरह के संकट का सामना करना हो या फिर किसी भी तरह का सामाजिक कार्यक्रम। आदिवासी नागरिकों द्वारा अपने देवताओं की विधिवत पूजा की जाती है। पिछले सात दिनों से धानोरा तहसील के येरकड़ क्षेत्र में आने वाले कन्हारटोला, मुंज्यालगोंदी, सिंदेसुर परिसर में हाथियों के झुंड ने उधम मचा रखा है। सात दिनों की अवधि में हाथियों ने फसलों को अपना निशाना बनाकर किसानों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया। मुंज्यालगोंदी गांव में घुसकर काफी उत्पात भी मचाया।
एक सप्ताह से डरे-सहमे आदिवासियों ने अब गांव में एक बार फिर शांति बनाये रखने के लिए अपनी धार्मिकता का सहारा लिया है। दो दिन पूर्व गांव के पुजारी और गांव पटेल ने कुछ लोगों के साथ जंगल जाकर हाथियों को खदेड़ने के लिए पूजा-अर्चा की। इस समय नरियल, चावल और फूल चढ़ाकर आदिवासी देवताओं से गांव में शांति बनाए रखने की गुजारिश की। पूजा के दौरान गांव पटेल मनोहर काटेंगे, येरकड़ के सरपंच वासुदेव उसेंडी समेत ग्रामीण उपस्थित थे।
सातवें दिन तालाब में मचायी धमाचौकड़ी
हाथियों का झुंड दिन भर जंगल में विश्राम करने के बाद शाम होते ही गांवों की ओर बढ़ने लगता है। छठे दिन झुंड का कोई हाथी मुंज्यालगोंदी परिसर नहीं पहंुचा था। मात्र रविवार की रात एक बार फिर हाथियों की हरकत को ग्रामीणों ने देखा। गांव से सटकर 2 तालाब यहां मौजूद हैं। इन तालाबों में पहुंचकर हाथियों के झुंड ने काफी मस्ती की। इस दौरान किसी भी हाथी ने किसी तरह का कोई उत्पात नहीं मचाया। कुछ समय रूककर यह झुंड एक बार फिर जंगलों की ओर बढ़ गया।
वनविभाग ने बढ़ायी कर्मचारियों की संख्या
सोमवार दिन भर वन विभाग के आला-अधिकारी मुंज्यालगोंदी समेत कन्हारटोला परिसर में पहुंचते रहें। मुरूमगांव और धानोरा वन परिक्षेत्र के तहत आने वाले इस क्षेत्र में सुरक्षा के लिए वन कर्मचारियों की संख्या को बढ़ा दिया गया है। हालांकि कन्हारटोला में शुरू किया गया अस्थायी जांच नाका बंद किया गया है। लेकिन लोगों से जंगल की ओर न जाने की अपील लगातार की जा रही है। वर्तमान में 40 से 50 की संख्या में वनकर्मचारी कन्हारटोला क्षेत्र में डटे हुए हंै।
Created On :   26 Oct 2021 3:47 PM IST