47 करोड़ के व्यवस्थापन के लिए बन सकती है विजिलेंस कमेटी
डिजिटल डेस्क, अमरावती। अमरावती मनपा के सुकली कंपोस्ट डिपो से होने वाले प्रदूषण के चलते राष्ट्रीय हरित लवाद ने मनपा पर 47 करोड़ के जुर्माना लगाया था। मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में न्यायालय ने 47 करोड़ के जुर्माने पर लगा स्टे हटाया गया। यह रकम उपयोग करने न्यायालयीन आदेश से भविष्य में विजिलेंस कमेटी गठित करने के संकेत मिले हैं। इस बीच मनपा ने इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखने सुप्रीम कोर्ट से तीन माह का समय मांगा है।
वर्ष 2009 से 2019 तक सुकली कंपोस्ट डिपो से होने वाले प्रदूषण के चलते केंद्रीय हरित लवाद ने अमरावती मनपा पर 47 करोड़ का जुर्माना ठोका था। यह जुर्माना भरने मनपा ने अपनी आर्थिक तंगी का कारण बताकर मनपा अक्षम रहने से इस पर रोक लगाने की मांग की थी। वर्ष 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने स्थगनादेश दिया था। मामले में सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी व बेला त्रिवेदी की दो सदस्यीय पीठ के समक्ष सुनवाई हुई तो न्यायालय ने याचिकाकर्ता गणेश अनासाने से प्रश्न किया कि वर्तमान मे कंपोस्ट डिपो की क्या स्थिति है ? इस पर अनासाने ने स्थिति में कोई खास सुधार न होने की बात कही और मनपा पर लगाया जुर्माना रद्द न करने की अपील सुको से की। जिस पर 47 करोड़ का नियोजन और उपयोग को लेकर विजिलेंस कमेटी के पैनल पर कौन - कौन रहेंगे आदि मुद्दे रखे। उसी समय मनपा की ओर से अपना पक्ष रखने तीन माह का समय मांगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से भविष्य में 47 करोड़ रुपए के मुद्दे पर विजिलेंस कमेटी गठित करने के संकेत मिले हैं।
Created On :   4 March 2023 4:24 PM IST