विदर्भ के "हाॅकी के बादशाह' शमीम बेग, रिवर्स फ्लिक के लिए रोजाना 8 घंटे बहाते थे पसीना

Vidarbhas Badshah of Hockey Shamim Baig used to sweat 8 hours a day for reverse flick
विदर्भ के "हाॅकी के बादशाह' शमीम बेग, रिवर्स फ्लिक के लिए रोजाना 8 घंटे बहाते थे पसीना
अमरावती विदर्भ के "हाॅकी के बादशाह' शमीम बेग, रिवर्स फ्लिक के लिए रोजाना 8 घंटे बहाते थे पसीना

डिजिटल  डेस्क, अमरावती। हॉकी के जादूगर माने जाने वाले मेजर ध्यानचंद का जन्मदिवस 29 अगस्त राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज देशभर में राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जा रहा। देश में हॉकी में कई लोगों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। इसी तरह अमरावती के शमीम बेग हॉकी में विदर्भ के बादशाह के नाम से चर्चित रहे हैं। जिनकी पहचान रिवर्स फ्लिक से गोल दागने के बाद बढ़ी, लेकिन उन्हें रिवर्स फ्लिक शॉट सीखने के लिए 6 माह तक रोजाना 8 घंटे लगातार मेहनत करनी पड़ी, जिसके बाद देशभर में उनकी एक अलग पहचान बनी। आज भी शमीम बेग के रिवर्स फ्लिक मारते ही बॉल रॉकेट की रफ्तार से सीधे गोल पोस्ट में दिखाई देती है। अमरावती के शमीम बेग ने अब तक रिकॉर्ड ब्रेक 75 से अधिक राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा खेलने वाले विदर्भ के वह एकमात्र खिलाड़ी हैं।

9 साल तक नहीं मनाई थी घर की ईद : दिल्ली के पहले नेशनल स्पर्धा में शमीम बेग का भारतीय खेल प्राधिकरण के लिए चयन हुआ था। 1986 में नासिक के भोसला मिल्ट्री स्कूल में दाखिल होते ही उनकी मेहनत रंग लाने लगी। हर साल 7 से 8 राष्ट्रीय स्पर्धाओं में शामिल होने लगे। यहां से मंुबई के खेल प्राधिकरण में भेजा गया। उन्होंने देश की तमाम बड़ी स्पर्धाओं में सहभागी होकर अपनी टीम को जीत दिलाई। अब तक वह 75 से अधिक नेशनल स्पर्धा खेलने वाले विदर्भ के पहले खिलाड़ी बन गए। उन्होंने 9 साल तक घर की ईद नहीं मनाई।

लगातार सात साल तक देश के लिए खेले हॉकी : बड़े स्तर पर टूर्नामेंट खेलते हुए नौकरी के कई प्रावधान आने लगे थे। अंतरराष्ट्रीय ओल्मपिक खिलाड़ी जोकिम कारवालो और मर्विन फर्नांडिस ने उनके खेल को परखा। 1992 में महिंद्रा एंड महिंद्रा की टीम से जुड़े। धनराज पिल्ले समेत अन्य अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के साथ मिलकर मलेशिया, दुबई, अबुधाबी, आेमान आदि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 7 साल तक देश के लिए हॉकी खेले। देश के हर कोने में जाकर उन्होंने हॉकी खेली और अमरावती समेत देश का नाम भी रोशन किया।

1984 के दंगे में पुलिस ने रोका, मिन्नत कर पहुंचे दिल्ली : हॉकी खिलाड़ी शमीम बेग ने एकेडमिक स्कूल में चौथी कक्षा तक पढ़ाई की। 1984 में शमीम बेग का पहले जूनियर नेशनल के लिए चयन हुआ। दिल्ली में स्पर्धा होनी थी, लेकिन उस समय भारत में 1984 के दंगे के चलते हिंसा का माहौल था। जगह-जगह कर्फ्यू होने से जैसे ही शमीम बेग अमरावती से निकले तो उन्हें पुलिस ने रोका और जाने से मना किया। तब शमीम बेग की मां फातिमा बी और पिता ने हाथ जोड़कर पुलिस से विनती कर दिल्ली पहंुचे। यहां पहले ही नेशनल गेम में शमीम बेग ने बेस्ट प्लेयर टूर्नामेंट का अवार्ड अपने नाम कर लिया।
 

Created On :   29 Aug 2022 2:21 PM IST

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