बुखार से तपते पुत्र को कंधे पर उठाए अस्पताल पहुंचा ‘वासुदेव’

Vasudev reached the hospital carrying a son burning with fever on his shoulder
बुखार से तपते पुत्र को कंधे पर उठाए अस्पताल पहुंचा ‘वासुदेव’
चंद्रपुर बुखार से तपते पुत्र को कंधे पर उठाए अस्पताल पहुंचा ‘वासुदेव’

डिजिटल डेस्क, गोंडपिपरी(चंद्रपुर)। द्वापरयुग में कंस से अपनी संतान को बचाने के लिए जिस तरह कृष्ण के पिता उफनती नदी पार कर गोकुल में नंदलाल के घर पहुंचे थे उसी तरह गोंडपिपरी के एक पिता ने  बुखार में तपते अपने पुत्र को बाढ़ के बीच कंधे पर उठाए अस्पताल पहुंचाया।   बता दें कि श्यामराव के नन्हें बेटे को काफी बुखार था। गांव में स्वास्थ्य सुविधा नहीं है। नदी, नालो में आयी बाढ़ से रास्ते बंद है लेकिन इसकी परवाह किए बगैर पिता ने बेटे को कंधे पर लेकर बाढ़ से रास्ता निकालते हुए उपचार करने के लिए दूसरे गांव ले गया।   निरंतर बारिश से वर्धा, वैनगंगा नदी में बाढ़ आ गई है। राज्य के आखरी छोर पर बसे पोड़सा गांव वर्धा नदी किनारे बसा है। नदी में आयी बाढ़ से गांव पानी से घिर गया है। ऐसे में श्यामराव का बेटा कार्तिक बुखार से तप रहा था।  ऐसे में   पिता श्यामराव पत्रूजी गिनघरे ने बुखार से पीड़ित अपने पुत्र को बचाने के लिए उसे कंधे पर उठाए  पोड़सा गांव से 5 से 6 किलो मीटर की दूरी पर स्थित वेड़गांव में निजी डाक्टर है। ऐसे में बेटे को कंधे पर लेकर बाढ़ के पानी से रास्ता निकालकर वह आगे बढ़ा। बेटे पर उपचार करवाकर पिता वापस फिर उसी बाढ़ के पानी से बेेटे को कंधे पर लेकर धीरे-धीरे गांव की ओर निकला। जैसे-तैसे वह अपने गांव पहुंचा। 
 

Created On :   15 July 2022 3:27 PM IST

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