उत्तराखंड: सीएम धामी ने 6 दिनों की पूजा पाठ के बाद किया गृह प्रवेश, जानिए क्यों कहा जाता है इस बंगले को मनहूस

Uttarakhand: CM Dhami enters in Manhoos bungalow after 6 days of worship
उत्तराखंड: सीएम धामी ने 6 दिनों की पूजा पाठ के बाद किया गृह प्रवेश, जानिए क्यों कहा जाता है इस बंगले को मनहूस
उत्तराखंड: सीएम धामी ने 6 दिनों की पूजा पाठ के बाद किया गृह प्रवेश, जानिए क्यों कहा जाता है इस बंगले को मनहूस
हाईलाइट
  • 10 एकड़ में फैला है ये विशाल बंगला
  • 5 साल भी नहीं ठहर पाता कोई सीएम
  • पूर्व सीएम तीरथ सिंह चार महीने ही ठहरे

डिजिटल डेस्क, देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने आखिरकार पूजा-अर्चना के बाद " मनहूस " बंगले में रहना शुरू ​कर दिया है। जानकारी के अनुसार, गृह प्रवेश से पहले पूरे नौ ब्राह्मणों ने छह दिनों की पूजा-अर्चना और यज्ञ पाठ किया के साथ बंगले का वास्तु दोष दूर किया है। इसके बाद ही धामी ने आधिकारिक निवास में रहना शुरू किया। आपको बता दें कि, यह विशाल बंगला 10 एकड़ में फैला है। 

बताया जाता है कि ये बंगला " मनहूस " नाम से भी प्रचलीत है। क्योंकि बंगले में रहते हुए आज तक कोई भी मुख्यमंत्री अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर सका है। यहां तक कि उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का कार्यकाल भी इस बंगले में महज चार महीने का ही रहा है। 

पूर्व सीएम ने किया था ये फैसला
सूत्रों के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह सरकार द्वार दिए गए इस आवास से दूर रहना ही पसंद करते थे। वे इस बंगले को स्थानीय आवास की बजाय "कोविड हेल्थ केयर सेंनटर" में बदलना चाहते थे। लेकिन रावत के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद जब पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने तीरथ के फैसले को ना मानते हुए गृह प्रवेश कर लिया।

नए सीएम ने कराया दोष मुक्त 
धामी ने बंगले में प्रवेश करने को लेकर कहा कि, "एक महत्वपूर्ण संसाधन को बर्बाद करने का कोई मतलब नहीं है, इसे वैसा ही रहने दिया जाए जैसा ये है"। इसके बाद ही उन्होंने 
ज्योतिषियों और वास्तु शास्त्रियों के सुझावों पर वास्तु के अनुसार भवन में धार्मिक अनुष्ठान करवाया है। साथ ही घर को किसी भी तरह की नकारात्मक ऊर्जा से मुक्त रखने के लिए कुछ वास्तु निवारण भी किए गए हैं।

ऐसा माना जाता है कि इस बंगले में रहने वाले सीएम अपना 5 साल का पूरा कार्यकाल खत्म करने में विफल रहे हैं। इसी कारण इस आधिकारिक निवास को अक्सर "अजीब और अशुभ" कहा जाता है। 

भव्य है ये मनहूस बंगला
पहाड़ी शैली में डिजाइन किया गया, 60 कमरों वाला यह बंगला 2010 में बनाया गया था। इस बड़े बंगले में बैडमिंटन कोर्ट, स्विमिंग पूल, कई लॉन है और सीएम और उनकी टीम के लिए अलग कार्यालय भी शामिल है।  

5 साल भी बंगले में नहीं रह सके ये सीएम
यहां रहने वाले सीएम- रमेश पोखरियाल निशंक, मेजर जनरल बीसी खंडूरी, विजय बहुगनू और त्रिवेंद्र सिंह रावत- अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर सके और सिर्फ अभी तक, एनडी तिवारी पांच साल का कार्यकाल पूरा करने में सफल एक मात्र सीएम रहे हैं। 

वहीं देखा जाए तो त्रिवेंद्र सिंह रावत, एनडी तिवारी कार्यकाल के सबसे करीब रहे थे क्योंकि उन्होंने लगभग चार साल पूरे किए थे। 2017 में, त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इन सब बातों को अफवा बताते हुए बंगले में शिफ्ट हो गए थे। 

त्रिवेंद्र ने घर में प्रवेश करने से पहले दो घंटे की पूजा भी रखी थी, जिसमें उनके कई कैबिनेट सहयोगियों ने भाग लिया था। वो निशंक सदन में प्रवेश करने वाले पहले सीएम थे और इसके तुरंत बाद उन्हें पद छोड़ना पड़ा। इसके बाद विजय बहुगुणा, सरकारी बंगले में रहे तो दो साल से भी कम समय तक सीएम रहे। विजय बहुगुणा के कार्यभार ग्रहण करने के बाद हरीश रावत बंगले से दूर रहकर बीजापुर गेस्ट हाउस मे रहे थे जो कि बंगले से मुश्किल से 500 मीटर है।

Created On :   27 July 2021 8:30 PM IST

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