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जीवन अमृत योजना के तहत लगभग 60 हजार काढ़े के पैकेट बाँटे आयुष पद्धति अपनाकर बढ़ाएँ रोग-प्रतिरोधक क्षमता!
डिजिटल डेस्क | रतलाम आयुष पद्धति अपनाकर कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम एवं रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई जा सकती है। इसके लिये आयुष विभाग द्वारा लोगों को जागरूक किया जा रहा है। साथ ही जीवन अमृत योजना के तहत काढ़े का वितरण किया जा रहा है। इस बार 8 से 26 अप्रैल तक 59 हजार 843 काढ़े के पैकेट इतने ही परिवारों को उपलब्ध कराये गये हैं। इससे लाभ लेने वाले सदस्यों की संख्या एक लाख 49 हजार 608 है। रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिये आयुर्वेदिक चिकित्सा अनुसार एक चुटकी हल्दी और नमक के साथ गर्म पानी से गरारे किये जाने चाहिये।
प्रतिमर्स नस्य- नाक के प्रत्येक नथुने में प्रतिदिन सुबह अणु/तिल तेल की 2-2 बूँद डाली जा सकती है। अश्वगंधा चूर्ण के एक से तीन ग्राम चूर्ण को लगातार 15 दिन तक गर्म पानी के साथ लिया जा सकता है। सशंमनी वटी/गुड़ुची/गिलोय घनवटी 500 मिली ग्राम दिन में दो बार ले सकते हैं। त्रिकटु पाउडर एक ग्राम, तुलसी 3 से 5 पत्तियाँ एक गिलास पानी में उबालकर पीने से रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। तुलसी की पत्तियाँ, दालचीनी, शुण्डी और कालीमिर्च का काढ़ा भी उपयोगी है। इसी प्रकार होम्योपैथी में आर्सेनिकम एल्बम-30 को कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ रोग निरोधी दवा के रूप में अपनाया जा सकता है।
इसकी एक डोज खाली पेट 3 दिन उपयोग की जा सकती है। यूनानी चिकित्सा में भी रोग-प्रतिरोधक दवाएँ उपलब्ध हैं, जो भी काफी कारगर हैं। इसमें शरबत उन्नाब 10-20 मिली ग्राम दिन में 2 बार, तिर्याक नज़ला 5 ग्राम दिन में 2 बार लिया जा सकता है। नथुने में रोगन बनाफशा एक से दो बूँद डाला जा सकता है। अर्क अजीब 4-8 बूँदें ताजे पानी में दिन में 4 बार इस्तेमाल कर सकते हैं। बेहिदाना 3 ग्राम, उन्नाब 7 दाना, सपिस्तान 7 दाना, दारचीनी 3 ग्राम, बनफसा 5 ग्राम, बर्ज-ए-गोजाबान 7 ग्राम औषधि का जोशांदा काढ़ा एक लीटर पानी में डालकर उबालें और आधा रह जाने पर छानकर बार-बार सिप लेकर पीने से भी फायदा होता है।
Created On :   28 April 2021 2:37 PM IST