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मुख्यमंंत्री बनकर उद्धव ठाकरे ने ही डुबोया शिवसेना को
डिजिटल डेस्क, दर्यापुर (अमरावती)। महाविकास आघाड़ी के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ढाई साल के कार्यकाल में सिर्फ 3 बार मंत्रालय गए। तत्कालीन मंत्री और अन्य लोगों से मिलते नहीं थे। मुख्यमंत्री बनकर उद्धव ठाकरे ने अपनी ही पार्टी काे डुबो दिया। यह टिप्पणी बालासाहब की शिवसेना (शिंदे गुट) के महाराष्ट्र सचिव व पूर्व विधायक अभिजीत अडसुल ने की। दर्यापुर के माहेश्वरी भवन में बालासाहब की शिवसेना द्वारा आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में सत्कारमूर्ति के रूप में वह बोल रहे थे। मंच पर जिला प्रमुख गोपाल पाटील अरबट, अरुण पडोले, नवनियुक्त सहसंपर्क प्रमुख रवि गणोरकर, जिला परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष दत्ता ढोमणे, महिला जिला प्रमुख अरुणा इंगोले, उपजिला प्रमुख नंदू जांभूलकर, तहसील प्रमुख महेंद्र भाडे, निवृत्ति बारब्दे, महिला तहसील प्रमुख सोनल साखरे उपस्थित थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि, ढाई साल में शिवसेना का मुख्यमंत्री होने के बाद भी ठाकरे ने निधि का वितरण राष्ट्रवादी और कांग्रेस को अधिक किया। इस दौरान अनेक शिवसैनिकों के खिलाफ मामले दर्ज हुए। ढेरों कारणों से सत्ता बदल गई और एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बन गए जो राज्य के विकास के लिए निर्णय ले रहे हैं। उद्धव ठाकरे ने बालासाहब को समझा ही नहीं है। दिवंगत हिंदू हृदयसम्राट बालासाहब की खिल्ली उड़ाने वाली सुषमा अंधारे को पार्टी की उपनेता से विभूषित किया गया है जो बहुत बड़ा दुर्देव है। शेष शिवसेना मतलब 50 विधायक एकदम आराम से बैठे हैं।
Created On :   9 Nov 2022 1:28 PM IST