एम्स भोपाल ने निरामयभव: योग एप के जरिए कोरोना काल में तनावग्रस्त हुए मरीजों का शुरु किया उपचार

Treatment of stressed patients during the Corona period started through Yoga App
एम्स भोपाल ने निरामयभव: योग एप के जरिए कोरोना काल में तनावग्रस्त हुए मरीजों का शुरु किया उपचार
तनाव का इलाज एम्स भोपाल ने निरामयभव: योग एप के जरिए कोरोना काल में तनावग्रस्त हुए मरीजों का शुरु किया उपचार

डिजिटल डेस्क, भोपाल। कोरोना महामारी के बाद समाज पर होने वाले दुष्परिणामों को लेकर एम्स भोपाल में वैक्सीनेशन करवाने पहुंचने वाले 705 लोगों में से लगभग 18.37 प्रतिशत लोगों में विभिन्न मानसिक अस्वस्थ्यता पाई गई। इनमें 3.29 प्रतिशत में तनाव, 8.6 प्रतिशत में चिंता और 6.41 प्रतिशत को अवसाद ग्रस्त पाया। इन लोगों में से करीब 100 लोगों पर अध्ययन किया गया, जिनमें पाया कि उन्हें हल्का या मध्यम उदासी, चिंता या तनाव है। इनकी इस मानसिक अस्वस्थ्यता व तनाव दूर करना एम्स के लिए एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन डॉक्टरों ने इसे एक अवसर माना और इस पर शोध किया। इसके लिए एम्स भोपाल के डॉक्टरों ने निरामयभव: मोबाईल ऐप तैयार किया। अब एम्स के डॉक्टर एप की मदद से तनावग्रस्त लोगों का उपचार कर रहे हैं। इस एप के माध्यम से तनावग्रस्त लोगों को योग कराया जा रहा है। एम्स भोपाल के डायरेक्टर डॉ सरमन सिंह के निर्देशन में मनोचिकित्सा, आयुष, फिजियोलॉजी और सामुदायिक चिकित्सा विभाग ने  मिलकर ऐप और वेबसाइट niramayabhava.org बनाई है।
ऐसे काम कर रहा एप
कोरोना काल के समय वे लोग जो घर में अकेले रहते थे या जिनके साथ परिवार का कोई सदस्य मौजूद नहीं था। लॉकडाउन के चलते ये लोग घरों में कैद होकर रह गये थे। जिसके कारण ये कई मानसिक बीमारियों से ग्रसित हो गए थे। कोरोना काल के चलते ये लोग अपने इलाज के लिए अस्पताल तक नहीं पहुंच पा रहे थे। इन तनावग्रस्त लोगोंं को घर बैठे ही इलाज मुहैया कराने के लिए एम्स में निरामयभव ऐप बनाया। निरामयभव ऐप को इन लोगों के मोबाईल में डाउनलोड करवाया जा रहा है। जिसमें योग और ध्यान के मॉडल शामिल है। जिनका अभ्यास कोरोनोवायरस स्थिति में अपने घरों में आराम से कर उन्हें सामान्य स्थिति में वापस आने और सामान्य स्वस्थ सुखी जीवन जीने में मदद कर रहा है। इस ऐप में योग और मोटिवेशन लेक्चर के वीडियो डाले जाते है। जिसे देखकर तनावग्रस्त लोगों को उबारने का काम किया जा रहा है।
योग से आक्सीजन सेचुरेशन बढ़ाने का दावा
कोविड से पहले एक शोध में देखा गया कि प्राणायाम से रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा कम होकर अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं। डॉ प्रकाश मालशे ने भी इस विषय पर बताया की कुम्भक एवं नि:शेष रेचक प्राणायाम से शरीर में ऑक्सीजन लेवल कम करके स्टेम सेल की मात्रा बढ़ाई जा सकती है। शरीर में रक्त वर्धक एंजाइम में वृद्धि तथा ह्रदय रोगो में कोलैटेरल द्वारा ब्लॉकेज में लाभ भी मिलता है। इसके प्रभाव का प्रायोगिक प्रदर्शन भी वीडियो के माध्यम से किया।
ये दिए सुझाव
21वीं सदी की स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज केवल एलोपैथिक दवा से नहीं किया जा सकता है। मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय की समस्याएं, ऑटोइम्यून रोग और तनाव से संबंधित भावनात्मक और मानसिक बीमारी सहित कई बीमारियां एक अस्वास्थ्यकर जीवनशैली से जुड़ी हैं। एक एकीकृत मन-शरीर दृष्टिकोण इन बीमारियों को एक तरह से संबोधित करने में मदद कर सकता है, जो कम खर्चीला, कम आक्रामक है और आत्म-देखभाल को प्रोत्साहित करता है। मन-शरीर चिकित्सा तकनीकों और आत्म-देखभाल का उपयोग करके, हम पुरानी बीमारियों का बेहतर प्रबंधन कर सकते हैं, भलाई का अनुभव कर सकते हैं और एक पूर्ण जीवन जीने के लिए अपनी रचनात्मक क्षमता को व्यक्त कर सकते हैं। 
इनका कहना है
तनावग्रस्त लोगों को घर बैठे इलाज कैसे मुहैया हो, इसके लिए निरामयभव ऐप बनाया है। जिसके माध्यम वर्तमान में वीडियो के द्वारा मोटिवेशन लेक्चर देकर योग भी करवाया जा रहा है। जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं।
डॉ. वरूण मल्होत्रा, चिकित्सक, एम्स, भोपाल

Created On :   20 Aug 2021 7:26 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story