10 करोड़ की लागत से होगा रुद्रप्रयाग के 5 खूबसूरत बुग्यालों का ट्रीटमेंट

Treatment of 5 beautiful bugyals of Rudraprayag will be done at a cost of 10 crores
10 करोड़ की लागत से होगा रुद्रप्रयाग के 5 खूबसूरत बुग्यालों का ट्रीटमेंट
उत्तराखंड 10 करोड़ की लागत से होगा रुद्रप्रयाग के 5 खूबसूरत बुग्यालों का ट्रीटमेंट

डिजिटल डेस्क, रुद्रप्रयाग। हरे-भरे बुग्याल (हरी-भरी खाली जगह) उत्तराखंड का बेशकीमती खजाना हैं। हमें साफ हवा और पानी चाहिए तो बुग्यालों को बचाना होगा, प्रकृति को सहेजना है तो बुग्यालों को सहेजना होगा। इस बात का महत्व समझते हुए रुद्रप्रयाग वन विभाग ने बुग्यालों संरक्षण के प्रयास शुरू कर दिए हैं। बुग्यालों की सेहत सुधारने के लिए खास प्लान तैयार किया गया है। इसके तहत उत्तरकाशी के दयारा बुग्याल की तर्ज पर रुद्रप्रयाग जिले के माटिया एवं पंवाली बुग्याल का ट्रीटमेंट किया जाएगा। साथ ही छूखी, मार और एक अन्य बुग्याल को भी सहेजा जाएगा। इसके लिए इको फ्रेंडली ट्रीटमेंट की मदद ली जाएगी। ताकि एक ओर निचले ग्रामीण क्षेत्रों को बेहतर पानी की आपूर्ति होती रहे और बुग्याल भी सुरक्षित रहें। रुद्रप्रयाग वन विभाग ने जनपद के 5 बुग्यालों के रिस्टोरेशन की योजना बनाई है। इनमें प्रमुख रूप से जखोली क्षेत्र का पंवाली कांठा और माटिया बुग्याल शामिल है।

वन विभाग का उद्देश्य है कि बुग्यालों में हर साल मानव एवं जानवरों की आवाजाही से होने वाले नुकसान को कम किया जाए। जबकि मेडिशनल प्लांट, बुग्यालों की घास और यहां से निचले इलाकों में जाने वाले पानी के स्त्रोत पुनर्जीवित हों। पशुपालकों की आवाजाही के बाद भी ग्रास लैंड सुरक्षित रहे, इसके प्रयास किए जा रहे हैं। रुद्रप्रयाग वन प्रभाग के प्रभागीय वन अधिकारी अभिमन्यु बताते हैं कि पांच बुग्यालों के रिस्टोरेशन के लिए दस करोड़ रुपये का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।

फरवरी और मार्च महीने के बीच इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा। आने वाले साल में प्रसिद्ध पर्यटक स्थल दुगलबिट्टा-चोपता में बुग्याल को सहेजने के लिए शासन से बजट मांगा जाएगा। इसके लिए वृहद कार्ययोजना बनाई जाएगी। विभाग इसके लिए तैयारी कर रहा है। मशहूर पर्यावरणविद् जगत सिंह जंगली ने वन विभाग की इस कवायद पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में पर्यटन और प्रकृति की रक्षा के लिए बुग्याल जरूरी हैं। हमें साफ पानी, हवा और बर्फ मिलती रहे, इसके लिए बुग्यालों को सहेजना चाहिए।

(आईएएनएस)

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Created On :   21 Dec 2022 5:01 PM IST

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