दक्षिण वन मंडल में भी मिले हैं बाघों की मौजूदगी  के निशान

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बाघों की संख्या में हो सकता है इजाफा दक्षिण वन मंडल में भी मिले हैं बाघों की मौजूदगी  के निशान

भास्कर न्यूज सिवनी। बाघों की गणना (बाघ आकलन-2022) पूरी हो चुकी है। अब परिणाम का इंतजार है। मध्यप्रदेश का टाइगर स्टेट का दर्जा बरकरार रखने में सिवनी का भी बड़ा योगदान रहता है। पेंच पार्क के अलावा दक्षिण सिवनी के कुछ इलाकों में बाघों की उपस्थिति के प्रमाण मिले हैं। हाल के दिनों में पार्क के अलावा दूसरे क्षेत्रों में भी बाघों की गतिविधियां बढ़ी हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले परिणामों में जिले में बाघों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है। फिलहाल बाघों की संख्या, तस्वीरें और दूसरे साक्ष्यों के मिलान का काम देहरादून में स्थित भारतीय वन्य जीव संस्थान मेें जारी है। संभावना है कि नए साल में ये आंकड़े सामने आ सकते हैं।

हर चार साल में होती है गिनती
देश में हर चार साल में बाघों की गिनती की जाती है। पिछली गिनती वर्ष 2018 में हुई थी जिसमें मध्य प्रदेश में 526 और कर्नाटक में 524 बाघ पाए गए थे। सिवनी जिले में ६५ बाघ पाए गए थे। बाघ प्रबंधन के साथ बाघों की गिनती बढ़ाने के लिए इस बार नए क्षेत्र तलाश किए गए। उनकी गिनती की गई और कैमरा ट्रैप से बाघों के फोटो लिए गए। इस आधार पर माना जा रहा है कि इस बार बाघों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

दक्षिण सिवनी में मिले हैं बाघ
जिले के दक्षिण सिवनी वनमंडल क्षेत्र में बाघों की उपस्थिति प्रमाणित हुई है। इसके पहले इन क्षेत्रों में बाघ नहीं पाए गए थे। इसी प्रकार पेंच पार्क के सभी 109 बीटों में टाइगर की उपस्थिति पाई गई है। अव्यस्क बाघों सहित जिले में बाघों की संख्या एक सैकड़ा को पार कर सकती है।

हर साल बढ़ रही है बाघों की संख्या
दिसंबर 2015 से 2016 के बीच पार्क में बाघों की गणना कराई गई थी। साल 2014 में डब्ल्यूआईआई देहरादून की गणना में 44 बाघ मिले थे। दो साल बाद एसएफआरआई जबलपुर से की गई गणना में पार्क में आधा सैकड़ा बाघ मिले थे। उल्लेखनीय है कि गणना में ढाई साल से कम के शावकों को शामिल नहीं किया जाता है।

नजर आ रहे हैं नए शावक
जिले में स्थित पेंच पार्क में इन दिनों सैलानियों को कई बाघिन अपने शावकों के साथ नजर आ रही हैं। इनके वीडियो और फोटो भी सोशल मीडिया में खूब देखे और पसंद किए जा रहे हैं। यह भी पार्क में बढ़ती बाघों की संख्या का प्रमाण है। इसके अलावा कई ऐसे इलाकों में भी बाघों की उपस्थिति प्रमाणित हुई है जहां पर पहले कभी बाघ नजर नहीं आए थे। कुल मिलाकर यह माना जा रहा है कि जब भी बाघ की गणना के आंकड़े सामने आएंगे जिले में बाघों की संख्या में बढ़ोतरी होना तय है।

Created On :   15 Dec 2022 9:06 PM IST

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