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वर्षा आधारित कृषि प्रणाली में समयानुरूप बदलाव जरूरी
डिजिटल डेस्क, अमरावती । वर्षा पर ही निर्भर कृषि प्रणाली में समयानुरूप बदलाव करने की जरूरत संभागायुक्त डॉ. दिलीप पांढरपट्टे ने व्यक्त की। वर्षा पर निर्भर कृषि व्यवस्था में विकास लाने के लिए सभी विभागों को विभिन्न योजनाओं को मिलाकर ठोस और भरसक प्रयास करने की सलाह भी दी। वे इस विषय पर संभागीय आयुक्तालय में आयोजित कार्यशाला में बोल रहे थे । पश्चिम विदर्भ में वर्षा आधारित कृषि प्रणाली पर संभागीय आयुक्तालय में एक कार्यशाला आयोजित की गई। वह उस समय बात कर रहे थे। महाराष्ट्र आरआरए नेटवर्क राज्य समन्वयक सजल कुलकर्णी सहित संभाग के सभी पांच जिलों के जिलाधिकारी और िजप मुख्य कार्यकारी अधिकारी और कृषि, मनरेगा, आदिवासी विकास विभाग, जल संरक्षण, वानिकी, पशुपालन आदि के अधिकारी उपस्थित थे।
भले ही महाराष्ट्र कृषि अनुसंधान में शीर्ष राज्य है, लेकिन वास्तव में अधिकांश कृषि अभी भी मानसून पर निर्भर है। इसलिए अधिकांश किसान केवल अच्छी फसल ही उगा सकते हैं। सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, 37.05 प्रतिशत ग्रामीण परिवार कृषि पर और 44.37 प्रतिशत कृषि श्रम पर निर्भर हैं। दो हेक्टेयर से कम जमीन वाले परिवारों की भी बड़ी संख्या है। इसलिए, वर्षा आधारित कृषि प्रणालियों में सुधार आवश्यक है। बहुफसली प्रणाली, कृषि उत्पादों के विपणन, पूरक व्यवसायों के साथ-साथ कृषि उत्पादकता में वृद्धि करना आवश्यक है। उस संबंध में डॉ.पांढरपट्टे ने सभी विभागों को समन्वित प्रयास करने का निर्देश दिया। पश्चिम विदर्भ में किसान अभी भी वर्षा आधारित कृषि, वन आधारित उपज पर निर्भर हैं। महाराष्ट्र आरआरए नेटवर्क ने इसे विकसित करने के लिए परियोजना ली है। श्रीमान के अनुसार कुलकर्णी ने कहा।
Created On :   23 Nov 2022 3:20 PM IST