- Home
- /
- रातभर शावक की चिता को निहारती रही...
रातभर शावक की चिता को निहारती रही बाघिन, मौत पर सीएम कमलनाथ ने जताई चिंता

डिजिटल डेस्क, उमरिया। माँ आखिर मां होती है, फिर चाहे वह इंसान हो या फिर जानवर। मां की ममता का कोई रूप नहीं होता। इसकी बानगी घुनघुटी के जंगल में तैनात वनकर्मियों ने बुधवार-गुरुवार की रात देखी। यहां एक दिन डेढ़ वर्षीय शावक की सांप द्वारा काटने के बाद मौत हो गई। बुधवार को वन विभाग ने मृत शावक का पीएम कर अंतिम संस्कार कर दिया था। जब शावक का अंतिम संस्कार हो रहा था, तो बाघिन अमने मरे हुए शावक को छोड़कर जाने तैयार नहीं थीं। अग्निदाह होने के बाद भी बाघिन अपने कलेजे के टुकड़े की चिता को निहारती रही।
कर्मचारियों ने महसूस किया दर्द
ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों के मुताबिक गुरुवार दोपहर बाघ की चिता राख होने पर जैसे ही सभी लोग जंगल से लौटे। इतने में बाघिन शाम को छह बजते ही वहां पहुंच गई। अपनी करूणामयी हुंकार के साथ चिता से महज 50 मीटर दूर निहारती हुई घूम रही थी। बाघिन की आंखे मानों करूणामयी पुकार के साथ निहार रहीं हों। एक पल तो पहले उसके आक्रोश को देख कर्मचारी डरे सहमे रहे, फिर रात ढलने के बाद उन्होंने एक दुखयारी मां का दर्द महसूस हुआ।
सुबह वापस चली गई जंगल में
कर्मचारियों के टेण्ट से महज सौ मीटर दूर अंधेरे में 12 घण्टे तक मौजूद रही। इस दौरान न उसने टेण्ट वालों पर चार्ज (बचाव में हमला) किया न ही उनकी तरफ गौर किया। तमाम रात यह सिलसिला चला और बाघिन बिना किसी को नुकसान पहुंचाएं सुबह होते ही वापस जंगल की तरफ चली गई। यह बात खुद एसडीओ राहुल मिश्रा ने कर्मचारियों से सुनने के बाद बताई।
सीएम कमलनाथ ने जताई चिंता
मध्य प्रदेश को हाल ही में टाइगर स्टेट का दर्जा मिला है, लेकिन महज 4 दिन में 1 बाघिन और दो शावकों की मौत की खबर आ गई है। इस पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने चिंता जाहिर की है।
बान्धवगढ़ टाइगर रिज़र्व में चार दिन में एक बाघिन और दो शावकों की मौत की ख़बर चिंतनीय।
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 1, 2019
बाघों की सुरक्षा व संरक्षण को लेकर सरकार गंभीर।इसमें कोताही व लापरवाही बर्दाश्त नहीं।
ऐसी घटनाओं को रोकने व मौत की घटना की जाँच के निर्देश जारी।
इन गांवों में बढ़ा पहरा
घुनघुटी रेंज में हुई इस घटना को लेकर वन विभाग सुरक्षा में कोई चूक छोड़ने को तैयार नहीं। खासकर मूवमेंट वाले तीन गांव पहडिय़ा, मझंगमा तथा घुनघुटी में विशेष 30 कर्मचारियों की ड्यिूटी लगाई गई है। पाली व घुनघुटी रेंज के कर्मचारी दिन रात इलाके की गश्त कर रहे हैं। ताकि बाघिन के गुस्से को देखते हुए किसी नुकसान से पहले लोगों को एलर्ट किया जा सके। दूसरी ओर बाघिन ने देर शाम मृत शावक से 200 मीटर दूर किल किए बैल को भी खाया है।
20 बाघों का कुनबा
सामान्य वन मण्डल के पाली व घुनघुटी में छोटे बड़े करीब 20 बाघों का कुनबा सक्रिय माना जाता है। ये लोग अक्सर घुनघुटी, बाघननारा, काचोदर, तुम्मी व पाली सर्किल में मूवमेंट करते हैं। चूंकि बारिश में बाघों के भटकने की संभावना ज्यादा रहती है। इसलिए भी मानसून गश्त बढ़ा दी गई है। पल-पल की अपडेट ली जा रही है।
पगमार्ग व किल किया, नहीं हुए दर्शन
दूसरी ओर बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व में बाघिन 62 व 7-8 माह के मेल शावक को मारने वाले बाघ टी-33 का पांचवे दिन भी पता नहीं चला। राहत की बात यह है कि उसने बुधवार को एक जानवर का किल किया था। साथ ही कल्लवाह में उसके पगमार्ग मिले हैं। इससे टाईगर रिजर्व प्रबंधन अंदाजा लगा रहा है कि टाईगर मूवमेंट कर रहा है। फाइट के दौरान चोटिल होने की संभावना को देखते हुए सर्चिंग जारी है। पांचवे दिन पूरा अमला जंगल की खाक छानता रहा।
Created On :   1 Aug 2019 9:32 PM IST