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वन आधारित शाश्वत विकास के लिए जिला प्रशासन व ग्रामसभाओं में होगा अनुबंध
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। आदिवासी बहुल गड़चिरोली जिले में कार्यरत ग्रामसभाओं को सामूहिक वन हक प्रदान किया गया है। ऐसी ग्रामसभाओं के लिए कौशल्य और उनकी क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ गौण वनोपज संकलन से उनकी आय बढ़ाने के मुख्य उद्देश्य को लेकर जिला प्रशासन और ग्रामसभाओं में अब करार होगा। जिलाधिकारी कार्यालय में ऐतिहासिक पर्व की शुरुआत मेंढ़ा (लेखा) ग्रामसभा के साथ करार कर की गयी। इस समय जिला परिवर्तन समिति के अध्यक्ष व जिलाधिकारी संजय मीणा और ग्रामसभा की ओर से समाजसेवी देवाजी तोफा ने करार पर अपने हस्ताक्षर किए।
बता दें कि, ग्रामसभाओं के साथ जिला प्रशासन का इस तरह का करार पूरे प्रदेश में पहला ही माना जा रहा है। जिले में सामूहिक वनहक प्राप्त ग्रामसभाओं की संख्या कुल 1 हजार 428 है। इन ग्रामसभाओं को सरकार ने वनोपज संकलन के साथ तेंदूपत्ता संकलन और बांस कटाई के सर्वाधिकार प्रदान किए हंै। इन अधिकारों का उपयोग कर ग्रामसभाएं अपने स्तर पर गांवों को सक्षम बनाने का कार्य कर रहीं हैं। इस कार्य में अब जिला प्रशासन ने भी अपनी ओर से सहयोग देने का निर्णय लिया है। ग्रामसभाओं का सक्षमीकरण करने साथ उनकी नयी संकल्पना को साकार करने के लिए जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला परिवर्तन समिति एकल केंद्र की स्थापना की गयी है। सरकार द्वारा ग्रामसभाओं काे सक्षम बनाने के लिए कई तरह की योजनाएं आरंभ की गयी हंै। ये योजनाएं ग्रामसभाओं तक पहुंच नहीं पा रहीं हैं, जिससे ग्रामसभाओं का अपेक्षित विकास नहीं हो पा रहा है। इन योजनाओं को ग्रामसभाओं तक पहुंचाकर उन्हें और अधिक सक्षम बनाने के लिए ग्रामसभाओं के साथ जिला प्रशासन करार करेगा।
जिले में नए पर्व की शुरुआत
ग्रामसभाओं को और अधिक सक्षम बनाने का मुख्य उद्देश्य सामने रख इस तरह का करार ग्रामसभाओं के साथ किया जा रहा है। इसकी शुरुआत लेखा ग्रामसभा से हुई है। गोंडवाना विश्व विद्यालय की ओर से ग्रामसभा स्तर पर प्रशिक्षण शुरू कराने के लिए एक मॉडेल तैयार किया जा रहा है। जिला प्रशासन के इस प्रयास से जिले की ग्रामसभाएं यकिनन सक्षम बनेगी। यह एक नए पर्व की शुरुआत है। -संजय मीणा, जिलाधिकारी गड़चिरोली
सभी ग्रामसभाओं के लिए लाभदायी साबित होगा करार
जिला प्रशासन के साथ किया गया करार सामूहिक वन हक प्राप्त ग्रामसभाओं के लिए है। यह करार ग्रामसभाओं के लिए लाभदायी साबित होगा। अब सरकार और ग्रामसभाएं एक साथ मिलकर इस प्रकल्प में कार्य करेंगे। यह निर्णय ऐतिहासिक है। -देवाजी तोफा, अध्यक्ष ग्रामसभा मेंढ़ा (लेखा)
क्या है अनुबंध में
-ग्रामसभाओं का कौशल विकास, क्षमता विकास के लिए संसाधनों की उपलब्धता
-वित्तीय लेनदेन की जानकारी
-जिले के वन संवर्धन से शाश्वत विकास के माध्यम से आय में वृद्धि लाना
-जमीनी स्तर पर सुविधाओं का निर्माण कर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप में रोजगार का निर्माण करना
-गौन वनोपज का विपणन, वितरण और उसके उपयोग की कार्यक्षमता बढ़ेगी
-वनों के संवर्धन के साथ प्रबंधन योजना की रिपोर्ट तैयार करना
-रिपोर्ट पर अमल करने ग्रामसभाओं को सक्षम बनाया जाएगा
Created On :   17 Feb 2022 2:34 PM IST