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चार लोगों को शिकार बनानेवाला बाघ अंतत: पिंजरे में बंद
डिजिटल डेस्क, ब्रह्मपुरी (चंद्रपुर)। ब्रह्मपुरी वनविभाग के उत्तर ब्रह्मपुरी वनपरिक्षेत्र में अलग-अलग जगह चार लोगों को अपना निवाला बनानेवाले नरभक्षक बाघ को आखिरकार पकडा गया। ट्रैंक्युलाइज कर बाघ को बेहोश कर पिंजरे में बंद किया गया। बता दें कि, क्षेत्र में बाघ के हमले की घटनाओं से नागरिकों में भय व्याप्त होकर लोग घर से बाहर निकलने डरते थे, तो किसान खेत जाने से घबराते थे। इस आदमखोर बाघ को पकड़ने की मांग उठ रही थी, जिसके बाद वनविभाग द्वारा बाघ की घटना क्षेत्र में कैमेरे लगाए गए थे। वनविभाग द्वारा लगाए गए कैमरे में एसएएम-2 नर प्रजाति का बाघ होने की बात सामने आयी। बाघ की पहचान होते ही वनविभाग उसे कैद करने में जुट गया था। जिसके मद्देनजर ब्रह्मपुरी वनपरिक्षेत्र अंतर्गत ब्रह्मपुरी उपक्षेत्र, सायगाटा नियतक्षेत्र में कक्ष क्र. 118 में बाघ को डार्ट कर बेहोश किया गया। बाघ के बेहोश होने पर उसे पिंजरे में कैद किया गया। बाघ नर प्रजाति का होकर उसक्री उम्र लगभग दो से ढाई वर्ष बताई गई। वैद्यकीय जांच के बाद उसे ट्रांजिट ट्रिटमेंट सेंटर चंद्रपुर में भेजा गया। इस समय पशुवैद्यकीय अधिकारी डॉ.रविकांत खोब्रागड़े, शुटर अजय मराठे ने बाघ को डार्ट कर बेहोश किया। कार्रवाई ब्रह्मपुरी उपवनसंरक्षक दीपेश मल्होत्रा के मार्गदर्शन में सहायक वनसंरक्षक एम.बी.चोपड़े, वनक्षेत्रपाल एम.बी.गायकवाड़, वनक्षेत्रपाल दक्षिण ब्रह्मपुरी डी.शेंडे, बाघ प्रकल्प चंद्रपुर के सदस्य बी.आर.दांडेकर, ए.एन.मोहुर्ले, एस.पी. नन्नावरे, ए.डी.तिखट, ए.डी.कोरपे, ए.एम.दांडेकर, दीपेश टेंभुर्णीकर, नुर सैयद व राकेश अहुजा उपस्थित थे।
Created On :   10 Nov 2022 3:03 PM IST